- सभी देशों ने तरक्की का पैमाना बदलने की मांग की, 10 बिंदुओं का घोषणा-पत्र जारी
- जी-20 ने बच्चों को विश्व का भविष्य बताया, इन्हीं पर निवेश की अपील
वैश्विक मुद्दों पर मंथन के लिए भोपाल में जुटे जी-20 समूह के थिंक टैंक (टी-20) ने दुनियाभर से आर्थिक तरक्की का पैमाना बदलने की मांग की है। उनका कहना है कि आर्थिक विकास का पैमाना जीडीपी यानी सकल घरेलू उत्पाद न हो। इसकी जगह वेलबीइंग इंडेक्स को पैमाना बनाएं। भारत, ब्राजील, साउथ अफ्रीका जैसे देश अब नीति निर्माता की भूमिका में आएं, न कि नीति पालन करने वालों में।
कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में हुए दो दिनी मंथन के बाद टी-20 समूह ने 10 बिंदुओं का ‘भोपाल डिक्लेरेशन’ भी जारी किया। यह डिक्लेरेशन बाद में जी-20 समूह को भेजा जाएगा। डिक्लेरेशन में कहा गया कि बच्चे हमारा भविष्य हैं, इसलिए समावेशी विकास के लिए बच्चों के जीवन की शुरुआती अवस्था में निवेश किया जाना चाहिए। इसमें आधारभूत शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधा, कुपोषण से लड़ने की सहायता शामिल हो। जी-20 इसमें अहम रोल निभाए। यूनिसेफ के क्षेत्रीय निदेशक जॉर्ज लारिया-अदजेई ने कहा कि आखिरकार हमें अपना भविष्य यानी पूरी पृथ्वी अपने बच्चों के हाथों में सौंपनी है।
रोहिंग्याओं की वापसी में भारत करे मदद- बांग्लादेश
कार्यक्रम के बाद मीडिया से चर्चा में बांग्लादेश के सेंटर फॉर पॉलिसी डायलॉग के फेलो डॉ. देबोप्रिया भट्टाचार्य ने कहा कि रोहिंग्याओं के पुनर्वास में रूस, चीन, भारत जैसे बड़े देश मदद करें। हम चाहते हैं कि रोहिंग्या सक्षम होकर वापस जाएं। लेकिन ऐसा हो नहीं पा रहा है।
अब हम नीति बनाने वाले देश बनें- ब्राजील
भारत के बाद अगले जी-20 की अध्यक्षता ब्राजील करेगा। इस कार्यक्रम में ब्राजील के प्रतिनिधि डॉ. आंद्रे डी मेलो इ सूजा ने कहा कि यह उचित समय है कि हम अब नीति पालन करने वालों की बजाय नीतियां बनाने वाले देश बनें।
जोशीमठ पर चर्चा, फ्रेमवर्क बने
उत्तराखंड के जोशीमठ में इन दिनों जो भी चल रहा है, उसका चर्चा टी-20 समूह ने की, लेकिन डिक्लेरेशन में इसका पर कुछ नहीं लिखा गया। समूह ने ऐसी घटनाओं पर सरकार को एक फ्रेमवर्क बनाने का सुझाव दिया।
आयुष को मिले जी-20 की मदद
डिक्लेरेशन में इस बात पर बल दिया गया है कि समूह देश भारत में सदियों से प्रचलित आयुर्वेद, सिद्धा और होम्योपैथी (आयुष) को जी-20 के माध्यम से मुख्य धारा में लाकर अंतरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्म दें।
दुनिया का भविष्य
बांग्लादेश, नेपाल, भूटान 2026 तक होंगे विकासशील देश
मप्र नीति आयोग के उपाध्यक्ष सचिन चतुर्वेदी ने कहा कि विकास को मानव कल्याण से जोड़ना चाहिए। सारे कामों का आकलन वेल बीइंग (मानव कल्याण) के मानकों पर हो। उन्होंने कहा कि अब तक लीस्ट डेवलपिंग देशों की श्रेणी में रहे बांग्लादेश, नेपाल और भूटान जैसे पड़ोसी देश 2026 तक विकासशील देशों की श्रेणी में होंगे। इस लक्ष्य के लिए इन देशों को भारी धनराशि की जरूरत होगी। इसके लिए जी-20 फोरम विश्व का ध्यान इस ओर आकर्षित कराए, ताकि इन देशों की मदद हो सके।
चीन का नाम नहीं लिया, लेकिन रिसर्च में नैतिकता की मांग उठी
चीन में जेनेटिकली मॉडिफाइड बच्चों पर रिसर्च को लेकर जी-20 समूह में अंदरखाने चर्चा रही। लेकिन टेक्नोलॉजी और एथिक्स विषय पर हुए सेशन में मंथन के बाद निष्कर्ष निकाला गया कि टेक्नोलॉजी में वही चीज अपनाई जाए, जो नैतिकता के सिद्धांतों की सीमा में हो। हालांकि इस मंथन में चीन का सीधे तौर पर किसी ने नाम नहीं लिया, क्योंकि वह इस समूह का सदस्य है।
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