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चंद नुस्खे, जो 2023 में हमारे काम आ सकते हैं:काम का तनाव है? ये आजमाकर देखें

2020-2021 के  बाद आपने जिस शांतिपूर्ण साल की अपेक्षा की थी, 2022 शायद वैसा न रहा हो, क्योंकि महामारी का प्रकाेप इस साल भी जारी रहा, यूक्रेन में युद्ध शुरू हो गया, प्राकृतिक आपदाएं आईं और महंगाई से हमें जूझना पड़ा। लेकिन इसके साथ ही 2022 कुछ नई चीजें सीखने का साल भी था। इस साल हमने अपने जीवन में व्याप्त तनावों का सामना करने और खुद को मानसिक रूप से मजबूत बनाने के नए तरीके खोजे हैं। जैसे कि ये चंद नुस्खे, जो 2023 में भी हमारे काम आ सकते हैं।

बर्नआउट के संकेतों पर ध्यान दें : नींद नहीं आने से लेकर थकान और सिरदर्द, पेटदर्द, भूख कम होने तक, ये तमाम वे संकेत हैं, जिनके जरिए शरीर आपसे यह कहने की कोशिश करता है कि आप बर्नआउट के शिकार हैं। यह भले अपने आपमें बीमारी न मानी जाती हो, लेकिन आप इसकी अनदेखी नहीं कर सकते। बबल-बाथ लेने और एक प्याली चाय पी लेने भर से यह नहीं सुलझेगी।

बर्नआउट डिप्रेशन में अंतर करना सीखें : दोनों के लक्षण एक जैसे हैं। पर डिप्रेशन का इलाज है, बर्नआउट का नहीं। बर्नआउट में आप काम के दबाव से बेहाल महसूस करते हैं। आपके पास ऊर्जा नहीं होती। यह अवसाद नहीं है।

जॉय वर्कआउट : क्या आप किसी कॉन्सर्ट में नाचते समय खुश थे? या अपनी पसंदीदा स्पोर्ट्स टीम को चीयर करते समय? ऐसे में जॉय वर्कआउट करें। खुश होने पर हम जो करते हैं, उसे दोहराने से भी खुशी मिलती है।

टास्क पैरालिसिस से मुक्ति : जब आपके पास करने को बहुत सारे काम हों और आपकी टु-डु लिस्ट खत्म होने का नाम न ले तो आप टास्क पैरालिसिस से ग्रस्त हो जाते हैं। कभी-कभी तो आप तय नहीं कर पाते कि कहां से शुरू करें। इसमें भी परफेक्शनिस्ट किस्म के लोगों को ज्यादा दिक्कतें आती हैं। इसे समाप्त करने के लिए काम को टालते न रहें। एक काम निपटाकर खुद को कोई छोटा-सा रिवॉर्ड दें।

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