मुझे जब बताया गया कि एक अस्पताल के उद्घाटन में इंदौर चलना है। तब लगा कि कई रूपों में इस काम के लिए सही आदमी को चुना है। इस वजह से नहीं कि मैं फिल्म में कलाकार हूं, कलाकारी करता हूं, बल्कि इसलिए भी कि 1950 के दशक से लेकर वर्ष 2000 तक शायद ही ऐसा कोई इंसान होगा, जिसने अस्पताल के उस तरह दर्शन किए होंगे, जैसे मैंने किए। ना जाने कितने ऑपरेशन थिएटर, न जाने कितने डॉक्टरों से मेरा इलाज होता रहा है। मैं अपना आभार और धन्यवाद प्रकट करता हूं कि उनकी वजह से ही मैं आपके सामने खड़ा हूं। उनकी वजह इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि मेरे साथ जितनी भी दुर्घटनाएं हुई, कई बार मुझे लगा कि मेरे पास साधन थे, मेरे परिवार के पास साधन थे कि मैं अपना इलाज विदेश में जाकर करा सकता था, लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया। मुझे भारत की चिकित्सा सेवा और यहां के डॉक्टरों पर भरोसा है। यदि आगे भी ऐसी अवस्था आई कि मुझे किसी कारणवश अस्पताल जाना पड़ेगा तो एक बार फिर मैं भारत के ही डॉक्टरों और यहां के अस्पतालों पर ही विश्वास रखूंगा।
टीना भाभी ने अभी अच्छी बात कही कि जांच करवाना जरूरी हो गया। जांच नहीं कराएंगे तो कई बार इमरजेंसी का सामना करना पड़ सकता है। जब मैं वर्ष 1982 में घायल हुआ था, तब एक व्यक्ति ने ब्लड डोनेट किया था। उस ब्लड की जांच नहीं हो पाई थी। वह व्यक्ति हेपेटाइटिस-बी से पीड़ित था। वर्ष 2006 में मुझे पता चला कि उसने (हेपेटाइटिस-बी) मेरे लिवर पर अटैक किया है। मैंने जांच कराई तो पता चल पाया। 75% िलवर खराब हो गया था। मैं जीवित हूं, क्योंकि मैंने जांच कराई, समय पर इलाज कराया। यह तभी संभव हो पाता है कि यदि जांच समय पर करवाई जाए।
- जैसा उन्होंने मंच पर कहा।
अमिताभ बोले- इंदौर सबसे साफ शहर के साथ ही देश का सबसे स्वस्थ शहर भी बने
डॉ. मांडके का सपना साकार हो गया
अमिताभ ने कहा कि इस अस्पताल का जो संबंध है, वह एक छोटी सी बात से शुरू हुआ था। मुंबई में बहुत ही ख्यात हार्ट स्पेशलिस्ट थे डाॅ. मांडके। उनकी इच्छा थी कि बड़ा अस्पताल बनाया जाए। थोड़ा बहुत काम शुरू भी हो गया था। दुर्भाग्यवश उनकी मृत्यु हो गई। उनकी पत्नी, पति की भावनाएं पूरी करना चाहती हैं। मैंने अनिलजी (अनिल अंबानी) से बात की। उन्होंने एक ही बार श्रीमती मांडके से मुलाकात की और उसी समय निर्णय लिया कि अस्पताल में योगदान देंगे।
इंदौर में अब सभी स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि पहला सुख निरोधी काया है। स्वस्थ्य शरीर के लिए भारत में योग-प्रणायाम की व्यवस्था है, लेकिन कभी ना कभी हम सभी बीमार हाेते हैं। अस्पताल की जरूरत होती है। इंदौर प्रदेश की व्यवसायिक राजधानी है। अभी इलाज के लिए मुंबई या दिल्ली जाना पड़ता था, लेकिन अब इलाज के लिए मप्र में ही इंदौर में सारी व्यवस्थाएं होंगी।
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