इंदौर । भारत के इतिहास में नेताजी सुभाष चंद्र बोस का नाम अमर है। अपनी मातृभूमि के लिए, स्वाधीनता संग्राम के लिए आपने अपना घर और आराम को छोड़ा और आजाद हिंद फौज का गठन किया। नेताजी ने एक बड़े भारतीय समुदाय को स्वाधीनता संग्राम के लिए तैयार किया। आपके पराक्रम से स्वाधीनता आंदोलन को नई दिशा मिली। देश के युवाओं को नेताजी के जज़्बे से सीख लेनी चाहिए और देश के निर्माण में अपना योगदान देना चाहिए। आपने भारत सरकार के इस निर्णय की सराहना की कि हर साल ये दिवस पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जाएगा। ये उद्बोधन अ.भा. कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय सचिव सत्यनारायण पटेल के हैैं, जो उन्होंने नेताजी सुभाष मंच एवं गीता रामेश्वरम् पारमार्थिकन्यास द्वारा सोमवार, 23 जनवरी 2023 को विद्यासागर स्कूल परिसर में स्वाधीनता संग्राम के अमर योद्धा नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की 126 वी जयंती पराक्रम दिवस के अवसर पर व्यक्त किए। इस अवसर पर नेताजी सुभाष अलंकरण से पांच विभूतियों को अलंकृत किया।
आयोजन की जानकारी मदन परमालिया ने देते हुए बताया कि पूर्व महाधिवक्ता आनंदमोहन माथुर द्वारा लिखित नेताजी सुभाष नामा पुस्तक का विमोचन भी किया गया। श्री माथुर ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि अपनी मातृभूमि के लिए सर्वस्व न्योछावर कर देने वाले ऐसे महापुरुष सदियों में जन्म लेते हैं। हमें अपनी वर्तमान पीढ़ी को देशभक्तों के योगदान से अवगत कराने की जिम्मेदारी उठानी पड़ेगी। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस अभी भी एक जीवंत प्रेरणा के रूप में भारतीयों के दिल में जीवंत राष्ट्रवाद के प्रतीक के रूप में जीवित हैं और सदा अमर रहेंगे।विशेष अतिथि राधेश्याम बियाणी, महू ने उद्बोधन भाषण में कहा कि हमें नेताजी से प्रेरणा लेना चाहिए। नेताजी ने विदेश में आजाद हिन्द फौज को तैयार कर भारत देश को आजादी दिलवाई। इस मौके पर डॉ. राहुल माथुर भी उपस्थित थे।
इस दौरान अतिथियों ने पांच विभूतियों को नेताजी सुभाष अलंकरण से विभूषित किया जिनमें दृष्टिहीन गायिका कु. हर्षिता जायसवाल, केंसर पीडि़तों की सेवा करने वाली डॉ. उषा श्रीवास्तव, समाजसेवी कैलशचन्द्र चौधरी, श्रीमती मोनीका पुरोहित, पॉवर लिफ्टिंग बलराम नकुल (पेंटर) को विभिन्न क्षेत्रों में योगदान के लिए शाल, श्रीफल, अभिनंदन पत्र, स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। अलंकृत विभूतियों को मालवीय पगड़ी पहनाकर स्वागत किया गया। इस मौके पर दृष्टिहीन गायिका कु. हर्षिता जायसवाल ने ऐ मेरे वतन के लोगों गीत गाकर नेताजी को याद किया, जिससे आयोजन में उपस्थित सभी की आँखे डबडबा गई। राष्ट्रीय देशभक्ति गीत गायक जनाब आफताब आलम कुरैशी ने देशभक्ति गीतों से समाबांधा।
कार्यक्रम की शुरुआत नेताजी के चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पीत की। आयोजन में पधारे सभी देशभक्तों को 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रध्वज फहराने के लिए वितरित किए गए।
अतिथियों का स्वागत पूर्व पार्षद राधे बौरासी, भाग्यश्री खरखडिय़ा, संजय जयंत, राजकुमार वरूण, ओ.पी. वर्मा, विनोद सत्यनारायण पटेल, राहुल पटेल, गणेश वर्मा, राजकिशोर यादव, आनंद यादव ने किया।
संचालन आयोजक और मंच अध्यक्ष मदन परमालिया ने किया। आभार देवीलाल गुर्जर ने माना।
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