37 देशों में काम करने वाली संस्था इंडियन इकोनॉमिक ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन आने वाले माह में मध्यप्रदेश सरकार के साथ करार करने जा रही है। इसके तहत प्रदेश में विदेशों के ट्रेड डेस्क खोले जाएंगे। संस्था के अध्यक्ष डॉ. आसिफ इकबाल ने कहा कि इससे एमपी के लोग, उन देशों के लोगों के साथ सीधे बात कर सकेंगे।
इस मौके पर तीन अनुबंध पर हस्ताक्षर हुए। इसमें इंडियन इकोनॉमिक ट्रेड आर्गेनाइजेशन ने जॉर्जिया चैंबर ऑफ कॉमर्स, गोपियो संस्था और ह्यूमन अचीवर्स फाउंडेशन के साथ अनुबंध किया। संस्था के सचिव वली काश्वी ने बताया कि हमारा फोकस डेवलपिंग कंट्री पर है क्योंकि वहां पर बिजनेस की काफी संभावनाएं हैं। देश को दुनिया के विभिन्न राष्ट्रों तक जोड़ना हमारा मुख्य उद्देश्य है।
सम्मेलन से मजबूत होंगे रिश्ते
कॉन्फ्रेंस में आए मोटिवेशनल स्पीकर शिव खेड़ा ने कहा कि प्रवासी भारतीय सम्मेलन जैसे कार्यक्रम सिर्फ मोटीवेशन के लिए नहीं होते हैं बल्कि यह एनआरआई और इंडियन के बीच में संबंध बनाने का काम करते हैं। इस तरह के आयोजन में बाहर से आए मेहमानों का खास ध्यान रखना चाहिए।
मालदीव-भारत में अच्छे संबंध
गवर्नमेंट ऑफ मालदीव के डेप्युटी मिनिस्टर ऑफ ट्रांसपोर्ट सौदुल्ला अहमद ने कहा भारत पहला देश था जिसने मालदीव को स्वतंत्र देश के रूप में स्वीकार किया और तभी से हमारे रिश्ते प्रगाढ़ हैं और हम एक परिवार की तरह हैं। भारत संभावनाओं वाला देश है। यहां हर तरह की सुविधा है।
अफ्रीकन संस्कृति भारतीय संस्कृति से मिलती-जुलती
जिम्बाब्वे के डेप्युटी मिनिस्टर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री राज मोदी ने कहा मैं पहला भारतीय हूं जो जिम्बाब्वे मंत्री पद पर आया हूं। जिम्बाब्वे में 10 हजार के लगभग भारतीय परिवार रहते हैं। हमने 2016 में भारत के साथ संबंधों को मजबूत बनाने के उद्देश्य से छह एमओयू साइन किए।
इनमें ट्रैवल वीजा, ब्रॉडकास्टिंग, आर्ट एंड कल्चर के साथ ही मेडिसिन आदि थे। अफ्रीकन संस्कृति भारतीय संस्कृति से बहुत मिलती जुलती है। एसोसिएशन ऑफ इंडियन इन अमेरिका के प्रेसीडेंट हरीश ठक्कर ने कहा हमारी संस्था 35 साल से अपनी संस्कृति और समुदाय के लिए काम कर रही है।
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