रविवार काे इंदौर से 151 किलोमीटर दूर धार सहित मालवा-निमाड़ के कुछ जिलों में भूकंप के हलके झटके महसूस किए गए। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 3.0 मापी गई। इससे अब तक कहीं काेई नुकसान या जनहानि की खबर नहीं है। माैसम केंद्र के मुताबिक दोपहर 12:54 बजे 22.07 डिग्री उत्तर अक्षांश, 74.56 डिग्री पूर्व देशांतर पर धार, बड़वानी, आलीराजपुर में 3.0 तीव्रता का भूकंप का हलका झटका दर्ज किया गया।
इस भूकंप का हाइपो सेंटर 10 किमी गहराई पर था। कुक्षी जिले में 10 किमी गहराई में यह झटका महसूस किया गया। आलीराजपुर जिले में सरदार सरोवर के बैक वाटर क्षेत्र ककराना और कुलवट में करीब 6 सेकंड के लिए इसका असर रहा। इसका एपिक सेंटर धार, गुजरात और महाराष्ट्र सीमा से लगा एरिया भी रहा। इनमें ज्यादातर इलाके नर्मदा घाटी क्षेत्र से सटे हुए हैं। जहां कई साल पहले से ही भूकंप की आशंका जताई जा रही है।
विशेषज्ञों का कहना है कि जमीन में टेक्टोनिक प्लेट के मूवमेंट में यह हलचल थी। चार महीने पहले भी इंदौर में खंडवा रोड के कुछ गांवों में भी झटके महसूस किए गए थे। माचला गांव में खेतों में काम कर रहे किसानों को महसूस हुआ था कि कुछ सेकंड के लिए धरती हिली है।
इंदौर बेअसर क्योंकि भूकंप के केंद्रों से काफी दूर
एडीएम (भूअभिलेख) अजयदेव शर्मा के मुताबिक भूकंप का केंद्र इंदौर से 151 किमी दूर था। इंदौर में कहीं भी इसका असर महसूस नहीं हुआ। वहीं, मौसम विशेषज्ञ अजयकुमार शुक्ला के मुताबिक इंदौर नर्मदा फाल्ट से तकरीबन 100 से 125 किमी दूर है। भूकंप के मामले में जो शहर संवेदनशील हैं उनमें खंडवा और नर्मदा नदी से लगे जिले शामिल हैं।
महाराष्ट्र, गुजरात के जिले इसका उदाहरण भी हैं, जहां पूर्व में 5 या उससे अधिक की तीव्रता वाले झटके महसूस किए गए हैं। वहीं, इंदौर के बाहरी इलाकों में यदाकदा कंपन हुआ है। उसमें भी तीव्रता 2.5 से 3 तक ही रही है। इंदौर का पुराना इतिहास भी देख लिया जाए तो कभी इस तरह की तेज कंपन वाली स्थिति नहीं बनी है।
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