- ग्रीन बॉण्ड के लिए मुंबई में रोड शो हुआ, कल इंदौर में होगा, 10 को आएगा पब्लिक इशू
- जो पैसा बचेगा, वह अन्य परियोजनाओं पर खर्च कर सकेंगे
अमृत योजना के दूसरे चरण के तहत जलूद में लगने वाले 60 मेगावॉट के सोलर पॉवर प्लांट के लिए नगर निगम 10 फरवरी को पब्लिक इशू जारी करने जा रहा है। सोलर एनर्जी के लिए 244 करोड़ की पूंजी जुटाने के लिए पहली बार कोई नगर निगम बॉण्ड जारी कर रहा है। इसके जरिए हर महीने बिजली की खपत पर खर्च होने वाली राशि से साढ़े 4 करोड़ रुपए निगम बचा पाएगा। यानी एक साल में 45 से 50 करोड़ रुपए कम खर्च होंगे। यह पैसा विकास कामों पर खर्च हो सकेगा। पानी के लिए हर साल निगम 250 करोड़ रुपए बिजली पर खर्च करता है।
हर महीने 76 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन होगा
सोलर प्लांट से हर महीने 76 लाख यूनिट का उत्पादन होगा। बिजली की मौजूदा दर और सोलर प्लांट को चलाने की लागत के बाद निवेशकों को दी जाने वाली ब्याज की राशि अलग रखी जाएगी। सारा खर्च हटाने के बाद निगम को हर महीने 17 लाख रुपए की बचत होगी। जहां तक निवेशकों को भुगतान का सवाल है तो चार हिस्सों में भुगतान की व्यवस्था निगम ने की है। निवेशकों के ब्याज के अलावा निगम को 244 करोड़ का ऋण चुकाना होगा। इसके लिए 25-25% राशि के भुगतान की व्यवस्था की गई है। तीन साल में 25 प्रतिशत यानी 61 करोड़ का ऋण चुकाया जाएगा। इसके बाद पांचवें, सातवें और नौवें साल में भी इतनी ही राशि का लोन चुकाया जाएगा।
244 करोड़ के शेयर बाजार में आएंगे
ग्रीन एनर्जी बॉण्ड के जरिए 244 करोड़ के शेयर बाजार में लेकर आ रहे हैं। इसकी फेस वैल्यू एक हजार रुपए होगी। सोमवार को महापौर पुष्यमित्र भार्गव, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के सीईओ दिव्यांक सिंह मुंबई पहुंचे। शाम को महापौर का रोड शो हुआ। 8 फरवरी को इंदौर में रोड शो होगा। भार्गव ने बताया 9 फरवरी तक निवेशकों को इसकी जानकारी दी जाएगी। विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे ने बताया कि अभी सोलर एनर्जी से तीन हजार मेगावॉट बिजली का उत्पादन हो रहा है।
देश के लिए क्लाइमेट फाइनेंस का यह दमदार मॉडल- एक्सपर्ट
एन्वायरमेंटल डिफेंस फंड के चीफ इंडिया एडवाइजर हिषम मंडल कहते हैं देश के लिए क्लाइमेट फाइनेंस का यह दमदार मॉडल है। इंदौर ने एक ऐसी मिसाल पेश की है, जिसे देश के अन्य नगर निगमों को भी अपनाना चाहिए। इस बॉन्ड से आर्थिक बचत के साथ ही पर्यावरण संबंधी लाभ भी हासिल होंगे। इनमें कार्बन क्रेडिट्स के जरिये आमदनी के नए रास्ते निकलना शामिल है। पूंजी बाजार में भले ही बॉण्ड का अर्थ ऋण पत्र है, लेकिन निगम के इस बॉण्ड से अच्छा वादा भी जुड़ गया है। इसमें सरकार का समर्थन और निवेश का व्यवहारिक पक्ष शामिल है।
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