शराब पर हो रही सियासत के बीच छुट्टी के दिन बुलाई गई प्रदेश कैबिनेट की बैठक में आबकारी नीति-2023 को मंजूरी दे दी गई। नई नीति के मुताबिक प्रदेश में सभी 31 शॉप बार और 2580 अहाते बंद किए जाएंगे। स्कूल, कॉलेज, शिक्षण संस्थाओं और धर्म स्थलों से शराब दुकानें 100 मीटर दूर होंगी। पहले 50 मीटर का प्रावधान था। दुकानों में बैठकर शराब पीने की अनुमति नहीं होगी।
पुरानी दुकानें नए साल के लिए 10% शुल्क देकर रिन्यू होंगी। यदि कोई शराब पीकर वाहन चलाता पकड़ा जाता है तो उसका ड्राइविंग लाइसेंस भी निलंबित होगा। बता दें कि शॉप बार वो हैं, जहां अहाते स्थाई रूप से दुकानों में मर्ज हो गए हैं। इसी बैठक में राज्य का बजट भी रखा गया, जिसे कैबिनेट ने मंजूरी दे दी।
बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आबकारी नीति पर चर्चा के दौरान कहा कि मप्र में इसे हतोत्साहित करेंगे। जिन शराब दुकानों का विरोध हो रहा है, उन्हें सर्वे करा बंद कराएंगे। यहां बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती उपरोक्त मसलों को लेकर लगातार अपनी बात व सुझाव सरकार के सामने रख रही थीं।
कैबिनेट में मंत्री न बोलें, इससे पहले ही सीएम ने उन्हें बताई आबकारी नीति, फिर कहा- बात बाहर न जाए
कैबिनेट में आबकारी नीति पर कोई मंत्री अपनी ऐसी राय न दे, जो सुर्खियां बनें, इसीलिए मुख्यमंत्री ने पौधरोपण के बाद सीएम हाउस में दोपहर 12 बजे मंत्रियों को नीति की जानकारी दी। साथ ही कहा कि बाकी राज्यों की तुलना में मप्र आदर्श है। उत्तरप्रदेश में शराब से 36 हजार करोड़ रेवेन्यू आता है। मप्र तो सिर्फ 12-13 हजार करोड़ ही राजस्व जुटाता है।
साल 2008 के बाद कोई दुकान भी नहीं खोली गई। यदि मप्र में शराब बंद भी करते हैं तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि बिहार में शराब बंदी के बाद भी सब मिल रहा है। यह जरूर ध्यान रखें कि अब दुकानों के अलावा कहीं भी या गांव में शराब न बिके।
इंदौर जिले के 127 अहाते बंद होंगे; इन्हें बंद करवाने के लिए अब तक 10 से ज्यादा बड़े आंदोलन हो चुके
पिछले साल आई नई आबकारी नीति के बाद इंदौर में 127 शराब की कम्पोजिट दुकानों (देशी-विदेशी) के साथ अहाते चल रहे हैं। ये संख्या अब तक की सबसे ज्यादा है। जितने अहाते बढ़े, उतने ही अपराध भी। खुद पुलिस अफसर मानते हैं कि 15 से 20 फीसदी अपराध इन अहातों के कारण हुए।
हाईवे व व्यावसायिक तो ठीक, दुकानें बढ़ाने के चक्कर में रहवासी क्षेत्रों में भी अहाते शुरू हो गए। इसके कारण सालभर में 10 से ज्यादा आंदोलन हुए। स्कीम नंबर 54, बॉम्बे हॉस्पिटल, एमआर-9, अन्नपूर्णा रोड पर लोग दुकान व अहाते हटाने के लिए विरोध कर चुके हैं।
एक और फैसला...लाड़ली बहना योजना में परिवार को मानेंगे इकाई
सीएम हाउस में लाड़ली बहना योजना पर चर्चा के दौरान बताया गया कि एक हजार रुपए खाते में डालने के लिए परिवार को इकाई माना जाएगा। किसी परिवार में दो भाई हैं और उनकी पत्नियां हैं तो वे दो ईकाई होंगे। शेष पेज 14 पर आयकर दाता, 5 एकड़ से अधिक का किसान आदि स्कीम से बाहर होंगे। सीएम ने सभी मंत्रियों से कहा कि स्कीम का फार्म जिला प्रशासन के साथ भाजपा कार्यकर्ताओं को भी मिलेगा। वे खुद महिलाओं से जाकर फार्म भरवाएं।
सरकारी जमीन पर अवैध कब्जों के पट्टे की कट ऑफ डेट बढ़ी... शहरी क्षेत्रों में सरकारी या प्राधिकरण या नजूल की जमीन पर अवैध कब्जा कर रह रहे लोगों को पट्टे देने की कट ऑफ डेट 31 दिसंबर 2014 से बढ़ाकर 31 दिसंबर 2020 कर दी गई है। अब इसी आधार पर सर्वे शुरू होगा।
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