कोरोना संक्रमण, पंचायत चुनाव, नगरीय निकाय चुनाव सहित अन्य कारणों के चलते ‘मुख्यमंत्री कन्या विवाह एवं निकाह योजना' के तहत पिछले तीन सालों से बंद सामूहिक शादियां इस साल होंगी। इसके लिए तैयारियां शुरू हो गई है। ये विवाह 27 फरवरी व 14 मार्च को होंगे।
सामाजिक न्याय विभाग ने यह सामूहिक विवाह को आयोजित करने तथा इनमें लगने वाले सामान के लिए ई टेंडर प्रोसेस के बाद वेंडर की भी जवाबदेही तय कर दी है। इंदौर में ‘मुख्यमंत्री कन्या विवाह एवं निकाह योजना' के तहत पात्र करीब 1300 लड़कियों की हर साल शादी होती थी। इन्हें सरकार की ओर से उपहार स्वरूप घरेलू सामान व राशि मिलती थी ताकि वे अपना वैवाहिक जीवन शुरू करने में मदद करें। बीते तीन सालों में कोरोना, चुनाव सहित अन्य कारणों के चलते शादियां नहीं हुई और अब अच्छे शगुन की तारीखें तय हो गई हैं। इसके लिए 27 फरवरी व 14 मार्च को सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया है।
उक्त योजना में कुछ बदलाव भी हुए हैं। पहले दुल्हन को 51,000 रुपए की सहायता मिलती थी जो बढ़ाकर अब 55,000 रुपए कर दी गई है। इसमें लाभार्थी को 11,000 रुपए नकद, 38,000 रुपए के घरेलू सामान और आयोजकों को 6,000 रुपए शामिल हैं। इन्दौर सामाजिक न्याय विभाग की संयुक्त निदेशक सुचिता तिर्की बेक ने बताया कि योजना में उपहार स्वरूप 38,000 रुपए का घरेलू सामान दिया जाएगा। विभाग को उम्मीद है कि इस बार भी काफी संख्या में युगल वैवाहिक बंधन में बंधेंगे।
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