देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के 6 नए लॉ कॉलेजाें काे संबद्धता मिलने के बाद सत्र 2023-24 बीए एलएलबी की 900 और एलएलबी की 600 नई सीटें जुड़ गईं। बीबीए एलएलबी की 300 और बीकॉम एलएलबी की भी 200 नई सीटें मिलेंगी। पुराने 18 सहित सभी 24 कॉलेजाें काे बीसीआई ने एनओसी भी जारी कर दी है। एक निजी कॉलेज ने मान्यता शुल्क देर से जमा किया, इस पर बीसीआई ने साढ़े 5 लाख रुपए की पेनल्टी लगाई।
हालांकि डीएवीवी ने सभी कॉलेजाें से साफ कहा है कि उन्हें 30 मई तक हर हाल में बीसीआई की मान्यता लाना हाेगी, क्याेंकि उच्च शिक्षा विभाग कॉलेजाें में एडमिशन की प्रक्रिया मई के अंतिम सप्ताह में ही शुरू करेगा। इससे पहले कॉलेजाें काे मान्यता लाना हाेगी।दरअसल, यूनिवर्सिटी ने इस बार भी 31 दिसंबर तक सभी कॉलेजाें काे संबद्धता जारी ताे कर दी थी, लेकिन कुछ कॉलेजाें में निरीक्षण और बाकी की औपचारिकताएं बाकी थीं, अब वह भी पूरी कर ली गई हैं। यह पहला माैका है, जब इंदाैर में एक साथ छह नए कॉलेज खुल रहे हैं। इसके साथ ही डीएवीवी के दायरे में कुल 24 लॉ कॉलेज हाे गए हैं।
लॉ की इतनी डिमांड कि सरकारी कॉलेज में थी 600 से ज्यादा वेटिंग
दरअसल, लॉ काेर्स की इतनी डिमांड थी कि शासकीय लॉ कॉलेज में तीसरे राउंड में ही सीटें फुल हाे गई थीं। अंतिम राउंड तक 600 वेटिंग थी। वहीं 4 निजी कॉलेजाें में दूसरे राउंड में सीटें फुल हाेेने के बाद भी 100 से ज्यादा वेटिंग थी। इंदाैर के सिर्फ एक कॉलेज में 40 के आसपास सीटें खाली थीं। फिलहाल डीएवीवी से संबद्धता प्राप्त 24 कॉलेजाें में अब एलएलबी, बीए एलएलबी और एलएलएम, बीबीए एलएलबी और बीकॉम एलएलबी की मिलाकर 11 हजार सीटें हाे जाएंगी।
लॉ की पढ़ाई काे लेकर अहम बात यह भी सामने आई है कि यहां 25 फीसदी के आसपास छात्र अन्य राज्याें से पढ़ने आ रहे हैं। इनमें राजस्थान, गुजरात, झारखंड, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और उत्तरप्रदेश के जिलाें से आ रहे हैं। बीएड के बाद लॉ ही एकमात्र ऐसा काेर्स है, जिसमें अन्य राज्याें के छात्र भी इतनी बड़ी संख्या में आ रहे हैं। बीएड में पिछले दस सालाें में एक भी बार ऐसी स्थिति नहीं बनी, जब अन्य राज्याें के लिए तय 25 फीसदी सीटें खाली रह गई हों। दाे साल से लॉ काेर्स में भी बाहर के छात्राें की संख्या बढ़ी है।
एक्सपर्ट व्यू - 10 साल तक यही स्थिति, हर साल आएंगे नए लॉ कॉलेज
"एजुकेशन हब इंदाैर में लॉ काेर्सेस के प्रति क्रेज बढ़ना अच्छा संकेत है, क्याेंकि हर साल औसत दाे नए कॉलेज खुल रहे थे, लेकिन इस बार छह कॉलेज खुल गए हैं। कई पुराने कॉलेजाें ने सीटें भी बढ़ाई हैं। अनुमान है कि आने वाले 10 साल में लॉ की डिमांड ऐआसी ही रहेगी। या ताे दाे से तीन नए कॉलेज आते रहेंगे या सीटें बढ़ेंगी, लेकिन बड़ी चुनाैती यह है कि लॉ काेर्स के लिए इंदाैर में फैकल्टी की कमी है। ऐसे में नए कॉलेजाें काे फैकल्टी रखना औतर पुराने कॉलेजाें काे क्वालिटी बरकरार रखना चुनाैती हाेगी।"
-डॉ. एमडी साेमानी, सीनियर प्राेफेसर
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