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जीवन मूल्य सही-गलत का फर्क बताते हैं

  • किताबों से जानिए क्यों माफ करने को इतना महत्व दिया जाता है, क्षमा करने से मानसिक पीड़ा भी दूर होती है...

जीवन मूल्यों के महत्व को समझना जरूरी है
जीवन में मूल्यों का होना जरूरी है। कहा जाता है कि नीति अर्थात उसूल-विहीन व्यक्ति जीवन में किसी लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकता। यदि जीवन में सही-गलत का फर्क नहीं तय किया, तो समस्याएं बढ़ सकती हैं। वह बार-बार एक ही गलती को दोहराता है। हो सकता है उसे कभी अपनी खामियां समझ न आएं। इसलिए बहुत जरूरी है जीवन में मूल्यों का पालन किया जाए।

क्षमा करेंगे तो मानसिक पीड़ा से भी बचे रहेंगे
यदि किसी व्यक्ति को क्षमा करना नहीं आता तो उसके लिए दिक्कतें हो सकती हैं। कई बार सामने वाले से गलतियां भूलवश होती हैं। ऐसे में क्रोध करना खुद का नुकसान करना है। क्योंकि बाद में जब पता चलता है कि सामने वाले की गलती नहीं थी और बेवजह ही आपने उसपर क्रोध किया, तो उस वक्त मानसिक पीड़ा होती है। इंसान में क्षमाशीलता का गुण होना जरूरी है।

डरेंगे तो परेशानी छोटी होकर भी बड़ी लगेगी
जीवन में कैसी भी स्थिति आए, व्यक्ति को साहसपूर्वक उससे लड़ना चाहिए। अगर आप समस्या से डर गए, तो वह भले ही छोटी हो लेकिन बड़ी लगने लगती है। कभी किसी परेशानी को बड़ा नहीं समझना चाहिए। बल्कि हिम्मत रखते हुए उसका सामना करना चाहिए। यदि आप में साहस और वीरता है, तो फिर बड़ी से बड़ी परेशानी आपका बाल बांका नहीं कर सकती। 

रूटीन पर अमल करेंगे तो जरूर सफल होंगे
जीवन में अपना लक्ष्य खुद चुनें। लक्ष्य को प्राथमिकता देते हुए उसको पाने की समयसीमा तय करें। रूटीन टाइम टेबल बनाएं, लेकिन टाइम टेबल बनाकर दीवार पर चिपका न दें। जरूरी है उस पर अमल करना। रूटीन पर अमल करते हैं, तो जीत पक्की होगी। अगर कभी रूटीन गड़बड़ा जाए तो विश्लेषण करें। बचे काम आने वाले हफ्ते में पूरा कर लीजिए। 

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