प्रदेश सरकार के वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा नए जीएसटी रजिस्ट्रेशन नंबर लेने के लिए जुलाई 2022 में जारी मानक प्रक्रिया केंद्रीय जीएसटी विभाग द्वारा स्वीकार नहीं की जा रही। प्रदेश जीएसटी की मानक प्रक्रिया के अनुसार व्यापारी को सिर्फ पैन, आधार, ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर और व्यावसायिक स्थल का प्रमाण देने की जरूरत है। वहीं केंद्रीय जीएसटी में आवश्यक दस्तावेजों की सूची नहीं बनाई गई। ऐसे में छोटे-छोटे कारणों से आवेदन निरस्त हो रहे।
जीएसटी विशेषज्ञ सीए कीर्ति जोशी ने बताया सबसे ज्यादा समस्या व्यावसायिक स्थल का प्रमाण देने में होती है। विभाग द्वारा मकान मालिक की पुष्टि के लिए करदाता और व्यापारी से उक्त मकान की रजिस्ट्री मांगी जाती है। कुछ मामलों में व्यावसायिक स्थल के नक्शे, एनओसी, रेंट एग्रीमेंट में स्टाम्प की कमी जैसे बिंदु हैं, जो जीएसटी विभाग के क्षेत्राधिकार से बाहर हैं।
मानक प्रक्रिया के बाद पंजीयन की समय अवधि घटी
- 2022 जुलाई में जारी हुई थी मानक प्रक्रिया
- 60 से 90 दिन में लागू हुई थी यह मानक प्रक्रिया
- 7 दिन में जीएसटी रजिस्ट्रेशन के आवेदनों में 9% वृद्धि हुई
- 2021 में 61% आवेदन 7 दिन में निराकृत होते थे
- 2022 में 70% आवेदन 7 दिन में निराकृत हुए
- मानक प्रक्रिया और उससे जुड़े आंकड़े प्रदेश जीएसटी के
यह है समस्या
समस्या ये है कि किसी भी व्यापारी का आवेदन प्रदेश जीएसटी में जाता है या केंद्रीय जीएसटी में इस पर उक्त व्यापारी का नियंत्रण नहीं होता। यह सिस्टम द्वारा अपने आप तय होता है।
फर्जी इनवॉइस की संख्या ज्यादा, इसलिए सख्ती बरती जा रही
"बाजार में कई फर्जी बिल चल रहे हैं, इसीलिए नए जीएसटी नंबर देते समय पूरा सत्यापन करना जरूरी होता है। यदि किसी मामले में करदाता को लगता है कि किसी अधिकारी विशेष द्वारा किसी विशेष प्रकरण में अनावश्यक दस्तावेज मांगे जा रहे हैं, तो शिकायत की जा सकती है, पर सामान्य रूप से रजिस्ट्रेशन ले रहे व्यवसायी की जांच की जाना जरूरी है। प्रदेश जीएसटी की मानक प्रक्रिया जल्द ही केंद्रीय जीएसटी में भी लागू होगी।"
- नवनीत गोयल, चीफ कमिश्नर, केंद्रीय जीएसटी
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