1 अप्रैल से शुरू होने वाले नए वित्तीय वर्ष 2023-24 में ऐसी कई सरकारी योजनाए हैं, जो समाप्त हो जाएंगी। ऐसे में 31 मार्च से पहले जो करदाता इन योजनाओं का लाभ लेना चाहते हैं, उन्हें इनके लिए अप्लाय कर देना चाहिए। इसमें कई सालाना प्रक्रियाएं भी हैं, जिन्हें 31 मार्च से पहले करना जरूरी है।
1 अप्रैल 2023 से करदाता वित्त वर्ष 2019-2020 या उसके पहले के लिए आयकर रिटर्न दाखिल नहीं कर सकते
1. इलेक्ट्रिक व्हीकल - लोन अवधि पूरी होने तक सुविधा
इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वालों के लिए सरकार द्वारा चलाई गई योजना के तहत इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) लोन पर ब्याज को आयकर में छूट मिल जाती थी। यह विशेष छूट नए वित्तीय वर्ष से बंद कर दी गई है। अगर कोई 1 अप्रैल के बाद ई व्हीकल के लिए लोन लेता है तो उन्हें ब्याज की छूट नहीं मिलेगी। जिनका लोन चल रहा है, उन्हें लोन अवधि पूरी होने तक सुविधा
मिलती रहेगी।
2. ग्रामीण कृषि गोडाउन पर मिलने वाली सब्सिडी
31 मार्च 2023 के पहले जिन लोगों का कृषि वेयरहाउस के लिए आवेदन लग जाएगा, सिर्फ वे ही केंद्र सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी का लाभ ले पाएंगे। 1 अप्रैल 2023 के बाद यह योजना खत्म की जा रही है। इसके साथ ही गोडाउन के लिए अगर लोन लिया गया है तो सरकार द्वारा ब्याज में 3% की सब्सिडी दी जाती है, उसे भी खत्म कर दिया जाएगा। 1 अप्रैल 2023 के बाद लिए गए लोन पर यह सुविधा नहीं मिल पाएगी।
3. वर्ष 2019-20 अपडेटेड रिटर्न दाखिल की सुविधा
पिछली बार पेश किए गए बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए बिलेटेड आयकर रिटर्न की सुविधा करदाताओं को दी गई थी। उसी के तहत, वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए अपडेटेड आयकर रिटर्न दाखिल करने की नियत तारीख 31 मार्च 2023 है। 1 अप्रैल 2023 से करदाता वित्त वर्ष 2019-2020 या उसके पहले के लिए आयकर रिटर्न दाखिल नहीं कर सकते हैं।
4. जीएसटी में कम्पोजिशन स्कीम के चुनाव पर निर्णय
हर साल जीएसटी में पंजीकृत करदाताओं को 1 अप्रैल के पहले यह अवसर दिया जाता है कि वे अपनी कर प्रणाली का चयन कर सकें कि वो कम्पोजिशन स्कीम में जाना चाहते हैं या रेगुलर प्रणाली में रहना चाहते हैं। जो करदाता खुद को नियमित जीएसटी से कम्पोजिशन योजनाओं में बदलना चाहते हैं, वे 31 मार्च 2023 से पहले परिवर्तित हो सकते हैं। 1 अप्रैल 2023 से कंपोजिशन स्कीम में परिवर्तित नहीं हो सकते हैं।
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