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अनुशासन की मिसाल:ऐसे भी हैं स्वयंसेवक; उम्र 95, रावलपिंडी में संघ से जुड़े, मीसाबंदी रहे, देशभर में शाखा विस्तार में अहम योगदान

यशपाल दुआ। उम्र 95 वर्ष। अविभाजित भारत के समय रावलपिंडी (अब पाकिस्तान में) में स्वयंसेवक बने। - Dainik Bhaskar

यशपाल दुआ। उम्र 95 वर्ष। अविभाजित भारत के समय रावलपिंडी (अब पाकिस्तान में) में स्वयंसेवक बने।

यशपाल दुआ। उम्र 95 वर्ष। अविभाजित भारत के समय रावलपिंडी (अब पाकिस्तान में) में स्वयंसेवक बने। मीसाबंदी भी रहे। देशभर में संघ की सैकड़ाें शाखाओं के विस्तार में अहम याेगदान रहा। इन्हीं की तरह पुरुषाेत्तम वर्मा। उम्र 94 वर्ष। शाखाओं के विस्तार के साथ कई बड़ी जिम्मेदारियां निभाईं।

ऐसे ही वरिष्ठ स्वयंसेवकों का सोमवार को सम्मान किया गया। अवसर था- डॉ. हेडगेवार स्मारक समिति के माध्यम से स्थापना दिवस अवसर पर इंदौर विभाग के वरिष्ठ स्वयंसेवकों के सम्मेलन का। पंतवैद्य कॉलोनी स्थित नारायण बाग संघ कार्यालय के नव निर्माण भवन पर ऐसे 800 से ज्यादा स्वयंसेवक जुटे, जिनकी आयु 55 से अधिक है और संघ से जुड़े 40 वर्ष से अधिक हो चुके हैं। एक स्वयंसेवक 99 वर्ष के थे। जो स्वयंसेवक अब नहीं रहे, उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।

अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने का आग्रह किया
समिति के अध्यक्ष ईश्वर हिंदुजा, शैलेंद्र महाजन, अशोक अग्रवाल उपस्थित थे। अग्रवाल ने वरिष्ठ स्वयंसेवकों से आग्रह किया कि कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण और सामाजिक समरसता के लिए अधिक से अधिक सामाजिक लोगों को जोड़कर काम करें। अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में जो प्रस्ताव पास हुए उनके बारे में बताया। समिति के सचिव राकेश यादव, सदस्य अशोक राठी भी मौजूद थे।

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