आज ‘वर्ल्ड ओबेसिटी डे’ है। पूरे विश्व में एक बिलियन से ज्यादा लोग ओबेसिटी से पीड़ित हैं। स्थिति यह है कि हर 7 में से एक व्यक्ति ओबिसिटी से ग्रस्त है। इंदौर के लोग भी इससे अछूते नहीं हैं। वे भी तेजी से मोटापे के शिकार हो रहे हैं। डॉक्टरों का मानना है कि इस बढ़ती चिंताजनक बीमारी को लेकर अब कारण सिर्फ जेनेटिक नही हैं बल्कि खास कारण लोगों की गलत लाइफ स्टाइल है। मशीनरी युग ने उनकी जिंदगी आरामदेह बना दी है जिससे ओबेसिटी के मरीज बढ़ते जा रहे हैं।
डॉक्टरों का कहना है कि लोगों की नजर में ओबेसिटी बीमारी यानी सिर्फ मोटापा है जबकि ऐसा नहीं है। यह बीमारी एक बार शरीर में प्रवेश कर गई तो इससे जुड़ी कई बीमारियां उन्हें घेर रही हैं। यही स्थिति रही तो 2030 तक 4 में से एक व्यक्ति ओबेसिटी का शिकार होगा। अमेरिका में कोरोना के बाद 60% बच्चे ओबिसिटी की गिरफ्त में है।
डॉ. तन्मय भराणी (Endocrinologist and Diabetologist) ने बताया कि यह गंभीर मामला है। ओबेसिटी हार्ट व डायबिटीज का खतरा बढ़ाती है। इस बीमारी से जोडों में दर्द, ब्लड प्रेशर बढ़ने, कोलेस्ट्रॉल Eof की शिकायतें रहती हैं इसलिए ओबेसिटी का ट्रीटमेंट और नियंत्रण बहुत जरूरी है। ओबेसिटी के मरीजों के माध्यम से एक नहीं कई कारण मिलते हैं।
वे ऐसे मरीजों का डायग्नोसिस प्लान तैयार कर इलाज शुरू करते हैं। इसमें लाइफ स्टाइल पर चेंजेज ऑफ फोकस करते हैं। कुछ मरीजों में बीडियाट्रिक सर्जरी भी कारगर है। उनका कहना है कि अगर इस बीमारी पर नियंत्रण नहीं किया तो आने वाले सालों में कई परेशानियां खड़ी कर देंगी।
लाइफ स्टाइल में भी तीन खास फैक्टर्स
डॉ. भराणी के मुताबिक लाइफ स्टाइल में भी तीन खास फैक्टर्स हैं। पहला यह कि सारी चीजें मशीनीकृत हो गई है। लोग सारी गतिविधियों के लिए मशीनों पर निर्भर हो गए हैं। शारीरिक श्रम जो पहले होता था अब नहीं होता है। दूसरा अब खान-पान काफी गरिष्ठ व हैवी हो गया है। अब प्रोसेस फूड की कमी नहीं है। बिस्किट, चिप्स से लेकर कई प्रकार के नमकीन उपलब्ध हैं। बच्चों से लेकर बड़े तक इसका सेवन कर रहे हैं।
अब जीवन सोशल मीडिया व टीवी के आसपास तक सीमित है। वर्तमान में विश्व में 5 में से 1 महिला में ओबेसिटी का शिकार है। डॉ. भराणी ने बताया कि इंदौर में ओपीडी में 15 से 20% मरीज ओेबेसिटी के आते हैं। 30% ऐसे हैं जिन्हें ओबेसिटी के साथ अन्य बीमारियां हैं। यह मेटाबोलिक बीमारी है।
… और यह चौंकाने वाली रिपोर्ट
उधर, वर्ल्ड ओबेसिटी फेडरेशन की एक नई रिपोर्ट सामने आई है जिसके अनुसार साल 2035 तक दुनियाभर की आधी आबादी मोटापे की शिकार हो सकती है। ओबेसिटी एटलस रिपोर्ट के अनुसार साल 2025 तक दुनिया की एक बड़ी आबादी मोटापे की शिकार हो जाएगी।
लगभग 51% प्रतिशत लोगों को वजन उनकी उम्र की तुलना में ज्यादा हो सकता है। आगे चल कर ऐसे लोग डायबिटीज और दिल की बीमारियों के शिकार हो सकते हैं। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 2025 तक युवा पीढ़ी पर इसका एक बड़ा असर देखने को मिल सकता है जो कि साल 2035 आते-आते भयावह हो सकता है। ऐसी स्थिति में युवा पीढ़ी के स्वास्थ्य पर खास ध्यान देने की जरूरत है।
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