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हजारों भक्तों ने किया हनुमान चालीसा का पाठ:श्रीश्री रविशंकर बोले; आध्यात्मिक भक्ति का नशा सब नशों से ऊपर, धार्मिक क्रांति इस धरती की आवश्यकता

 

इंदौर के पितृ पर्वत पर शनिवार 25 मार्च को अनूठा आयोजन शुरू हुआ। यहां शाम को हजारों भक्तों ने एक साथ हनुमान चालीसा का पाठ शुरू किया। आयोजन आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर व वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय की अगुआई में शुरू हुआ। इसमें कई महा मंडलेश्वर व संत भी शामिल हुए। हनुमान चालीसा के पाठ शुरू करने के पहले कैलाश विजयवर्गीय ने वहां बैठे भक्तों को हाथों में जल लेकर अपने ऊपर छिड़कने को कहा, जिसके बाद गायक सुरेश वाडकर ने हनुमान चालीसा का पाठ शुरू किया। वाडकर के साथ पितृ पर्वत पर पहले से मौजूद हजारों से ज्यादा भक्तों ने पाठ की शुरुआत की। कैलाश विजयवर्गीय व विधायक आकाश विजयवर्गीय ने भी माइक से हनुमान चालीसा का पाठ किया।

आयोजन में शामिल होने के लिए पितृ पर्वत पहुंचे श्रीश्री रविशंकर।
आयोजन में शामिल होने के लिए पितृ पर्वत पहुंचे श्रीश्री रविशंकर।

कैलाश विजयवर्गीय ने श्रीश्री रविशंकर से कहा कि इंदौर स्वच्छ, संस्कार और संस्कृति वाला शहर है। इंदौर अब पहचान का मोहताज नहीं है। लेकिन मुझे नौजवानों में एक विकृति दिखाई दे रही है। थोड़ा नशा करने लग गए है। मैं हनुमान चालीसा हर नौजवान के पास पहुंचाना चाहता हूं। आने वाले समय में आप सब संतों के सानिध्य में हम संकल्प लेंगे कि हर मोहल्ले में एक हनुमान चालीसा क्लब बने और लोग रोज हनुमान चालीसा का पाठ करें। मंच से ही लोगों से पूछा आप संकल्प लेने को तैयार हैं...। हम युवाओं को नशे से दूर करने के लिए सकारात्मक एनर्जी से जोड़ेंगे। हनुमान जी से जोड़ेंगे। हनुमान जी एक पावर हाउस है। जब नौजवान पावर हाउस से जुड़ जाएगा उसके नशे में डूब जाएगा, तो बाहर का नशा नहीं करेगा। क्या आप लोग सहमत है...जिस पर भक्तों ने हां कहा।

हनुमान चालीसा की शुरुआत के पहले मां कनकेश्वरी देवी ने कहा कि - तिथियां एक साथ आ जाती है, लेकिन आज देखो वार एक साथ पड़ गए है। क्योंकि आज शनिवार तो है, लेकिन श्रीश्री के नाम के साथ रवि शब्द जुड़ा। तो आज दो वार का मिलन हो गया। वैसे शनि और रवि का मेल नहीं है। ज्योतिष शास्त्री की दृष्टि से देखा जाए तो रवि और शनि के संबंध ठीक नहीं चलते, लेकिन जहां हनुमान जी विराजमान हो जाए वहां सभी के संबंध बराबर हो जाते है।

हनुमान चालीसा का चार बार पाठ पूरा होने के बाद गुरुदेव श्रीश्री रविशंकर ने कहा कि आज यहां जब हजारों लोगों ने चार बार हनुमान चालीसा का पाठ किया जो अद्भुत है। यह एक धार्मिक क्रांति है और इसी धार्मिक क्रांति और आध्यात्मिक क्रांति की इस पावन धरती को आवश्यकता रही है। आज यहां देख रहे हैं कि देश के युवा इस तरह से हनुमान चालीसा के नशे में डूब रहे हैं। यह सभी सभी तरह के नशे से ऊपर है। इस आध्यात्मिक भक्ति का नशा होने पर कुछ भी दूसरा नशा अच्छा नहीं लगता। उन्होंने कहा क विश्राम में ही आराम है। विश्राम और राम दोनों साथ-साथ लेकर चलना चाहिए। हनुमानजी अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता हैं, यह मानकर विश्राम करें। यही आज का आपके लिए प्रसाद है। अंत में गुरुदेव ने सभी संतों अनुग्रहित किया। गुरुदेव ने महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में दर्शन अर्चना भी की।

इससे पहले पितृ पर्वत पर हनुमान चालीसा के पाठ के लिए बड़ी संख्या में भक्त पहुंचे। दोपहर से ही लोगों का यहां आना शुरू हो गया था। पितृ पर्वत पर मंदिर परिसर के बाहर जहां लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई, वहीं नीचे भी कुर्सियां और बड़ी स्क्रीन लगाई गई है। पाठ में शामिल होने के लिए विजयवर्गीय ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया था, जिसमें उन्होंने बता दिया था कि पास के बजाय 'पहले आओ पहले पाओ वाला' फॉर्मूला रखा गया। इसके चलते दोपहर बाद ही भक्तजन जुटना शुरू हो गए थे।

दोपहर में ही पितृ पर्वत पर जुड़ने लगे थे भक्त।
दोपहर में ही पितृ पर्वत पर जुड़ने लगे थे भक्त।

पितृ पर्वत पर बड़े इस आयोजन तैयारियां 10 दिनों से चल रही थी। फिर शुक्रवार रात को तैयारियां को अंतिम रूप दिया गया। सुबह से ही पितृ पर्वत पर गहमागहमी शुरू हो गई थी। फिर दोपहर बाद काफी संख्या में भक्तजन जुटने लगे। यहां भक्तों को पाठ करने में किसी प्रकार की परेशानी न हो इसके लिए अच्छी व्यवस्था की गई है जबकि नीचे पार्किंग की भी समुचित व्यवस्था है। इसके साथ ही श्रीश्री रविशंकर का इंतजार होने लगा। वरिष्ठ नेता विजयवर्गीय खुद पूरे कार्यक्रम की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।। हनुमान चालीसा पाठ में शामिल होने के लिए कई जनप्रतिनिधि, व्यापारी वर्ग, युवा वर्ग आदि दूर-दूर से यहां पहुंचे।

हनुमान चालीसा पाठ के दौरान भक्त झूम उठे।
हनुमान चालीसा पाठ के दौरान भक्त झूम उठे।

यह पहला मौका है कि शहर में हनुमान चालीसा के लिए इतनी तादाद में भक्तजन उमड़े। इस दौरान हजारों कार्यकर्ताओं ने ऊपर आयोजन स्थल से लेकर सड़क तक व्यवस्था संभाल रखी थी। भक्तों के लिए पेयजल की विशेष व्यवस्था की गई थी। आयोजन स्थल पर हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए विशाल रेड कारपेट बिछाया गया तथा तथा कई हाई मास्ट लगे थे जिससे पूरा परिसर सफेद रोशनी में जगमगा गया।

आधुनिक विज्ञान और आध्यात्म साथ में चलते हैं, अलग नहीं हो सकते

इसके पूर्व दोपहर 12 बजे गुरुदेव श्रीश्री र‌विशंकर अभय प्रशाल पहुंचे जहां महापौर पुष्यमित्र भार्गव व अन्य ने उनका स्वागत किया। अभ्युदय द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने प्रबुद्ध नागरिकों को संबोधित किया। कार्यक्रम में गुरुदेव ने युवाओं, व्यापारियों, और वरिष्ठ लोगो के प्रश्नों के उत्तर चितपरिचित रोचकअंदाज दिए । गुरुदेव ने कहा, आज के समय मे सबसे बड़ी समस्या नींद की है। लोग बहुत तनाव तथा बेचैनी में है इसलिए अच्छी तरह से सोना भी जरूरी है। मोबाइल के स्क्रीन टाइम जितना ज्यादा होता है मस्तिष्क उतना सिकुड़ता है इसलिए आंखों को थोड़ा आराम देनाचाहिए।

उन्होंने अन्य प्रश्न के उत्तर में बताया कि आधुनिक विज्ञान और आध्यात्म साथ में चलते हैं, अलग नही हो सकते हैं। पहले तत्व ज्ञान करना होता है और फिर आध्यात्म में आते है। धन कमाना गलत नही हैं पर गलत तरीके से धन सही नहीं है। कोई भी मनुष्य उम्र के किसी भी पड़ाव पर नए काम शुरू करके जीवन को नई दिशा दे सकता है।


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