जीएसटी पंजीयन में आ रही अड़चनों को सुलझाने के लिए अब केंद्रीय जीएसटी विभाग ने मानक प्रक्रिया जारी की है। प्रदेश जीएसटी विभाग ने भी पिछले साल नए पंजीयन को लेकर एसओपी जारी की थी। केंद्रीय जीएसटी की मानक प्रक्रिया में कहा गया है कि उद्योगों की तरफ से समय-समय पर उठाई गई शिकायतों को ध्यान में रखते हुए यह ट्रेड नोटिस जारी किया है।
विभाग का कहना है कि जो पंजीयन आवेदन निरस्त किए जा रहे हैं या उन पर स्पष्टीकरण मांगा जाता है, उसके पीछे का बड़ा कारण है करदाताओं द्वारा अपठनीय दस्तावेज जमा करना। इसके साथ ही अलग-अलग दस्तावेजों पर अलग-अलग पता होना भी एक बड़ा कारण है, जिसकी वजह से पंजीयन आवेदन निरस्त किए जा रहे हैं। विभाग द्वारा यह कहा गया है कि बड़ी संख्या में फर्जी कंपनियां गठित होने से जरूरी है कि पंजीयन के आवेदन को गौर से जांचा जाए। इसके साथ ही यह भी जरूरी है कि ईमानदार करदाता को किसी तरह की परेशानी न हो। इसी को ध्यान में रखते हुए विभाग ने 4 बिंदु बताए हैं।
विभाग ने यह 4 बिंदु बताए
1. व्यापारी जो भी दस्तावेज जमा करवाएं, वे सभी पठनीय हों।
2. जो पता प्रॉपर्टी के कागजात में, टैक्स की रसीद में, नगर निगम की खाता प्रति में या बिजली बिल में हो, वह आवेदन से मेल खाता हो।
3. जमा किया गया रेंट या लीज एग्रीमेंट, एनओसी या कंसेंट लेटर रजिस्टर्ड या नोटराइज्ड हो।
4. व्यवसाय के लिए चुना गया नाम और गुमाश्ता और अन्य दस्तावेजों में अंकित नाम एक समान हो। जो तस्वीर आवेदन में लगाई जा रही है, वह नवीनतम हो।
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