चैत्र नवरात्रि 22 मार्च से शुरू हो गई है। जो कि 30 मार्च तक रहेगी। इस बार तिथियों की गड़बड़ी नहीं होने से पूरे नौ दिन देवी की आराधना और पूजा होगी। इसी के चलते चैत्र नवरात्रि के आखिरी दो दिनों में देवी की महापूजा और हवन किया जाता है।
अष्टमी और नवमी तिथि पर बिना मुहूर्त देखे खरीदारी और हर तरह की नई शुरुआत की जा सकती है। ये दोनों दिन अबूझ मुहूर्त की तरह ही होते हैं। इस बार 29 मार्च, बुधवार को दुर्गाष्टमी और 30 मार्च को महानवमी पर्व मनेगा। इन दोनों दिनों में शुभ संयोग भी रहेंगे। इनमें लेन-देन और निवेश करने से लंबे समय तक फायदा मिलता है।
शुभ काम के लिए अबूझ मुहूर्त
पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र के मुताबिक चैत्र नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि किसी भी काम की शुरुआत करने वाले शुभ दिन होते हैं। इन दिनों को अबुझ मुहूर्त की तरह ही माना जाता है। इन दिनों में की गई पूजा-पाठ का सकारात्मक फल जल्दी मिल सकता है। अपने कामों में सफलता मिल सकती है।
दुर्गाष्टमी (29 मार्च, बुधवार): इस दिन जया तिथि यानी अष्टमी दिनभर रहेगी। आर्द्रा नक्षत्र भी रहेगा। वहीं इस दिन के सितारे शोभन नाम का शुभ योग बना रहे हैं। इस योग के कारण बृहस्पति का प्रभाव इस दिन ज्यादा रहेगा। जिससे नए कामों और शुरुआत में फायदा मिलेगा। इस दिन व्हीकल खरीदारी का विशेष शुभ मुहूर्त है।
महानवमी (30 मार्च, गुरुवार): ये नवरात्रि का आखिरी दिन होगा। इस दिन सर्वार्थसिद्धि और रवियोग रहेंगे। ज्योतिष के जानकारों के मुताबिक इन शुभ योगों में किए गए कामों में सफलता और फायदा मिलना तय होता है। इस कारण नई शुरुआत और लेनदेन के लिए ये दिन बहुत शुभ रहेगा। प्रॉपर्टी खरीदारी या निवेश के लिए पूरे दिन विशेष शुभ मुहूर्त रहेगा
महारूप में देवी का प्राकट्य
देवीभागवत महापुराण के मुताबिक नवमी तिथि पर ही देवी दुर्गा प्रकट हुई थीं। यही वजह है कि इस तिथि की स्वामी दुर्गा ही हैं। देवी दुर्गा ने प्रकट होकर राक्षसों का वध किया था। इसी कारण नवरात्रि की नवमी पर कन्या भोज करवाया जाता है। त्रेता युग में चैत्र मास की इसी तिथि पर भगवान विष्णु ने श्रीराम का अवतार लिया था। इसी वजह से इस नवरात्रि में देवी के अलग-अलग स्वरूप और श्रीराम की विशेष पूजा की जाती है।
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