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सख्ती से आदेश दिए:भूमाफियाओं को चेतावनी, 1 मई को कोर्ट में हाजिर होंं; वरना जेल जाने को तैयार रहें

 

  • भूमाफिया क्या चाहते हैं, यह उनसे ही सुनेंगे, उसके बाद जमानत निरस्ती पर फैसला होगा- हाई कोर्ट

भूमाफिया चंपू उर्फ रितेश अजमेरा, चिराग शाह, नीलेश अजमेरा, हैप्पी उर्फ जितेंद्र धवन, महावीर जैन, निकुल कपासी को हाई कोर्ट ने 1 मई को कोर्ट के समक्ष उपस्थित होने के सख्ती से आदेश दिए हैं। बुधवार को सुनवाई में पीड़ित बोले कि हम हर सुनवाई में हाजिर हो रहे हैं, लेकिन भूमाफियाओं के मन में क्या है, सेटलमेंट करना चाहते हैं या नहीं, यह उनसे तो बुलाकर पूछा जाए।

इस पर भगोड़े नीलेश अजमेरा के वकील ने कहा कि उनके पास ब्रिटिश नागरिकता है, वह नहीं आ सकते। इस पर हाई कोर्ट ने कहा कि 1 मई को कोर्ट के समक्ष उपस्थित नहीं हुए तो जमानत निरस्त ही समझिए। कोर्ट ने वर्चुअल सिस्टम से पेश होने की अर्जी भी ठुकरा दी। हाई कोर्ट ने साफ कर दिया कि हम आश्वस्त होना चाहते हैं कि वह क्या कर रहे हैं और क्या वाकई इसके लिए गंभीर हैं। जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की खंडपीठ के समक्ष इस मामले की सुनवाई हो रही है। शासन की ओर से अधिवक्ता विशाल सनोठिया, जबकि आरोपी नीलेश की ओर से सीनियर एडवोकेट विनय सराफ, पीड़ितों की ओर से अधिवक्ता मनीष यादव ने पैरवी की।

कोर्ट रूम लाइव- आरोपियों के वकील से कोर्ट ने दो टूक कहा- पहले पेशी करवाओ

  • ​​​​​​ शासन- नीलेश इस मामले में शुरू से फरार है। भगोड़ा घोषित कर दिया है। उसे कोर्ट में हाजिर किया जाना चाहिए कि वह कैसे सेटलमेंट करेगा।
  • पीड़ित- हम भी हर सुनवाई में आ रहे हैं। प्रशासन भी प्लाॅट या पैसा दिलाने के लिए प्रयास कर रहा है, लेकिन यह भूमाफियाओं के सहयोग बिना संभव नहीं है। उन्हें कोर्ट बुलाकर पूछताछ करें।
  • आरोपी के वकील- हम वर्चुअल पेश करवा देंगे, नीलेश के पास ब्रिटिश वीजा है, कालिंदी के मामले में चंपू का कोई सीधा दखल नहीं है, उसके आने की जरूरत ही नहीं है।
  • हाई कोर्ट- आरोपी 1 मई को नहीं आए तो जेल जाने के लिए तैयार रहें, वर्चुअल सिस्टम से भी उन्हें सुना जाएगा।
  • शासन- चंपू का हर टाउनशिप के मामले में सीधा दखल है। उसके खातों में भी लेन-देने के प्रमाण हैं। उसका हाजिर होना तो बहुत जरूरी है।
  • पीड़ित- कालिंदी गोल्ड कंपनी नीलेश ने बनाई। 2 बैंक खातों में वह हस्ताक्षरकर्ता है। नीलेश पर 27 केस दर्ज हैं, उस पर पुलिस ने इनाम तक घोषित कर रखा है। हमारे साथ कैसे सेटलमेंट करेगा, यह तो वही बताएगा।
  • आरोपी के वकील- नीलेश ब्रिटिश नागरिक है। पुलिस इंदौर के पते पर नोटिस भेजेगी तो वह कैसे आएगा। उसका कहीं नाम नहीं है।
  • हाई कोर्ट- तो फिर नीलेश कहां है?
  • आरोपी के वकील- मैं इस बारे में नहीं जानता हूं कि वह कहां पर है।
  • हाई कोर्ट- आपको कोर्ट में आने से पहले जानकारी रखना चाहिए।
  • आरोपी के वकील- मैं उन्हें वर्चुअल पेश करा देता हूं।
  • हाई कोर्ट- पहले उन्हें यहां पेश कराओ, इसके बाद ही आपको सुना जाएगा। चंपू और बाकी आरोपी कहां हैं? भारत में या कहीं और? चिराग शाह, महावीर जैन, निकुल कपासी, हैप्पी उर्फ जितेंद्र धवन यह सब कहां हैं।
  • चंपू का वकील- उसका इस केस से लेना-देना नहीं है, वह कालिंदी में नहीं है।
  • शासन- ट्रांजेक्शन से लेकर एफआईआर तक में चंपू का नाम है, वह कालिंदी में कहीं से भी अलग नहीं है

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