17 दिन के अंदर दो खगोलीय घटना होंगी। सबसे पहले 20 अप्रैल को सूर्य ग्रहण होगा। इसके बाद 6 मई को चंद्र ग्रहण होगा। सूर्य ग्रहण भारत में कहीं भी नहीं दिखेगा। चंद्र ग्रहण प्रतिछाया आंशिक रूप से देखा जा सकेगा। वर्ष का पहला पूर्ण सूर्यग्रहण का प्रारंभ 20 अप्रैल 2023 को भारतीय मानक समय के अनुसार सुबह 7:04:5 बजे से होगा। पूर्णता की स्थिति प्रातः 9:46:8 बजे पर होगी। इस समय पूर्ण सूर्य, चन्द्रमा द्वारा ढक लिया जाएगा।
यह एक दुर्लभ नजारा होगा, लेकिन भारत में खगोल प्रेमी को निराश होना पड़ेगा, क्योंकि सूर्य ग्रहण भारत में कहीं भी नहीं देखा जा सकेगा। ग्रहण की पूर्णता की अवधि 1 मिनट 12 सेकंड तक होगी। मोक्ष की स्थिति दोपहर 12:29:2 बजे पर होगी। यह पूर्ण सूर्यग्रहण अंटार्टिका, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण हिंद महासागर, इंडोनेशिया, फिलिपीन्स एवं दक्षिण पेसफिक महासागर में देखा जा सकेगा।
वेधशाला के निदेशक राजेंद्र गुप्त ने बताया कि चंद्रमा दीर्घवृताकार कक्षा में सूर्य की परिक्रमा करता है, जिससे वह कभी पृथ्वी के पास की स्थिति में होता है, तो कभी पृथ्वी से दूर। पूर्ण ग्रहण की स्थिति तब होती है, जब चंद्रमा पृथ्वी के पास की स्थिति में सूर्य तथा पृथ्वी के मध्य होता है। चंद्रमा पृथ्वी के पास होने के कारण उसका आकार तुलनात्मक रूप से बड़ा दिखाई देता है, जिस कारण वह सूर्य को पूर्णरूप से ढंक लेता है। यह स्थिति हमें पूर्ण सूर्यग्रहण के रूप में दिखाई देती है।
6 मई को चंद्र ग्रहण भी
राजेंद्र गुप्त ने बताया कि सूर्य ग्रहण के बाद 6 मई को चंद्र ग्रहण होगा। जो की भारत में 8:47 से 1:30 तक प्रतिछाया के रूप से देखा जा सकेगा। हालांकि ज्योतिषाचार्य इसे ग्रहण की मान्यता नहीं देते है।
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