- डॉ. मनीष कौशल को 2016 से पदोन्नति देने के आदेश
हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने चिकित्सा शिक्षा विभाग में मनमाने तरीके से की गई पदोन्नति मामले में फटकार लगाई। वरिष्ठता सूची में पहले नंबर पर रहे डॉ. मनीष कौशल को 2016 से पदोन्नति देने के आदेश दिए। साथ ही शासन पर 25 हजार का जुर्माना लगाया गया। एडवोकेट लोकेश मेहता ने बताया कि शपथ पत्र की कंडीशन नियम के खिलाफ थी। डॉ. कौशल को वरिष्ठता के नाते 2016 से पदोन्नत करने के आदेश दिए हैं।
वर्ष 2016 में भर्ती नियमों के विपरीत प्रोफेसर पद के लिए की गई डीपीसी में पहले और दूसरे क्रम पर वरिष्ठ डॉक्टरों को छोड़कर तीसरे डॉक्टर को पदोन्नति दी गई। उस समय सामान्य वर्ग के प्रोफेसर के दो पद खाली थे। वरिष्ठता सूची के हिसाब से डॉ. सुमित शुक्ला और दूसरे नंबर पर रहे डॉ. मनीष कौशल को पदोन्नति मिलना थी लेकिन तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा विभाग संचालक (डीएमई) ने वरिष्ठता सूची में बाद में आने वाले डॉ. अरविंद घनगोरिया को पदोन्नत किया और प्रोफेसर का दूसरा पद खाली रहने दिया गया। इसके खिलाफ वर्ष 2016 में ही डॉक्टरों ने हाई कोर्ट में याचिका लगाई।
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