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3 महीने में 27 बुजुर्गों ने की खुदकुशी:60+ उम्र के 12; किसी की अपनों की बेरुखी तो कोई अकेलेपन से तंग

अब तक सालभर में बुजुर्गों की खुदकुशी का आंकड़ा 15 तक पहुंचता था, इस साल हर महीने ऐसे 9 मामले - Dainik Bhaskar

अब तक सालभर में बुजुर्गों की खुदकुशी का आंकड़ा 15 तक पहुंचता था, इस साल हर महीने ऐसे 9 मामले

करियर बनाने की उम्र में युवाओं द्वारा आत्महत्या करने के मामले अब तक सामने आते रहे हैं। लेकिन, अब अधेड़ और बुजुर्ग बीमारी या अकेलेपन से निराश होकर मौत को गले लगा रहे हैं। पिछले तीन महीनों में राजधानी में 27 से ज्यादा बुजुर्ग विभिन्न कारणों से जहर खाकर, फांसी लगाकर, रेल से कटकर और आग लगाकर खुदकुशी कर चुके हैं। यानी शहर में हर महीने औसतन 9 बुजुर्ग खुदकुशी कर रहे हैं। पुलिस की जांच में सामने आया कि खुदकुशी करने वाले यह बुजुर्ग अपनों के व्यवहार, बीमारी और अकेलेपन से निराश हो चुके थे।

यह पोस्ट कोविड का असर है, जिस कारण लोग खुदकुशी कर रहे हैं। राजधानी में साल दर साल खुदकुशी का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। पिछले सालों में 35% से ज्यादा लोगों ने खुदकुशी की थी। जिसमें अधेड़ और बुजुर्गों की संख्या 14-15 रहती थी, लेकिन बीते 3 महीने का आंकड़ा चौकाने वाला आया है। इन 3 महीने में जिन 27 बुजुर्गों ने जान दी है उनमें 12 तो 60 साल से ज्यादा उम्र के थे। जांच रिपोर्ट के मुताबिक इन 27 में से 12 लोगों ने फांसी लगाकर, जबकि 7 लोगों ने जहर खाकर खुदकुशी की।

14567 पर करें कॉल... यह टोल फ्री एल्डर लाइन करती है परेशान बुजुर्गों की काउंसलिंग

अपनों के दुर्व्यवहार, अकेलेपन और बीमारी आदि से परेशान बुजुर्गों की मदद के लिए टोल फ्री एल्डर लाइन हेल्पलाइन 14567 भी संचालित है। इसमें सभी तरह की समस्याओं पर सुझाव देने के साथ ही उनकी काउंसलिंग की जाती है। यह केन्द्र सरकार की योजना है जो मध्यप्रदेश में संचालित की जा रही है। इस नेशनल हेल्पलाइन पर सुबह 8 बजे से शाम 8 बजे तक कॉल कर सकते हैं। इस पर वरिष्ठजनों से संबंधित जानकारी, सुझाव, भावनात्मक सहयोग, दुर्घटना, दुर्व्यवहार से बचाव के लिए जानकारी प्रदान की जाती है।

लाॅकडाउन में बढ़े थे खुदकुशी के मामले

वर्ष 2020 में लाॅकडाउन के कारण युवा घर से काम कर रहे थे। ऐसी स्थिति में उनका परिवार के सदस्यों या पति-पत्नी के बीच विवाद होता था। कई युवाओं को जाॅब से हाथ धोना पड़ा था। डिप्रेशन और पारिवारिक विवाद के कारण लोगों ने खुदकुशी की। जिस कारण वर्ष 2021 में 2020 की तुलना में खुदकुशी का ग्राफ 35 प्रतिशत बढ़ा था।

लोग अकेलापन महसूस कर रहे हैं

कोरोना के दौरान लोगों ने अपने निकट संबंधी, परिवार के सदस्यों आदि को खो दिया था। कोविड के कारण लोगों में अकेलापन, निराशा, डिप्रेशन है। यही कारण है कि लोग खुदकुशी कर रहे हैं। इसे पोस्ट कोविड का असर माना जा सकता है। -विनीत कपूर, डीसीपी, मुख्यालय भोपाल

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