राज्य सरकार फिर नया नियम ले आई है, जिससे व्यापारियों में खासी नाराजगी है। 21 अप्रैल को जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक अब दुकानदारों से सड़क की चौड़ाई के हिसाब से प्रति वर्गफीट टैक्स लिया जाएगा। यह राशि 50 हजार रुपए तक होगी। अभी तक ट्रेड लाइसेंस के लिए व्यापारियों को 500 रुपए का शुल्क चुकाना होता था।
नोटिफिकेशन के मुताबिक 7.5 मीटर तक या उससे कम चौड़ी सड़क पर नगर निगम क्षेत्र में 4 रु. प्रति वर्गफीट, नगर पालिका में 3 रु. प्रति वर्गफीट और नगर परिषद 2 रु. प्रति वर्गफीट टैक्स लिया जाएगा। 7.5 मीटर से 15 मीटर चौड़ी सड़क पर क्रमश: 5, 4 और 3 रुपए प्रति वर्गफीट शुल्क लगेगा। यदि सड़क की चौड़ाई 15 मीटर से ज्यादा है तो यह शुल्क क्रमश: 6, 5 और 4 रुपए प्रति वर्गफीट होगा। इतना ही नहीं, वाहनों के माध्यम से व्यापार करने वालों काे भी शुल्क देना होगा। मिनी ट्रक, पिकअप वैन, जीप आदि पर हाेने वाले व्यापार से सालाना 400 रु., 300 रु. और 200 रु. लिए जाएंगे। ऑटो रिक्शा व तिपहिया वाहन वालों से 250 रु., 200 रु., 150 रु. शुल्क लिया जाएगा।
व्यापारी उतरे विरोध में, 26 अप्रैल काे बैठक बुलाई
मालवा चेंबर्स ऑफ कॉमर्स और अहिल्या चेंबर्स ऑफ कॉमर्स ने इस नोटिफिकेशन के विरोध में बैठक बुलवाई है। मप्र अहिल्या चेंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष रमेश खंडेलवाल ने कहा कि व्यापारियों पर असहनीय भार लादा जा रहा है। 26 अप्रैल को शाम 4 बजे सियागंज सभागृह में बैठक बुलवाई है, जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी। हमारी मांग है कि इसे वापस लिया जाए।
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