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घोटाले का भंडाफोड़:इंदौर के 77 सरकारी स्कूलों में 55 लाख रुपये का घोटाला, काम कम और भुगतान ज्यादा

जिला पंचायत की जांच में गड़बड़ी की पुष्टि - Dainik Bhaskar

जिला पंचायत की जांच में गड़बड़ी की पुष्टि

जिले के स्कूलों में 55 लाख रुपए का घोटाला सामने आया है। सरकार ने 126 स्कूलों में विभिन्न कार्याें के लिए 3-3 लाख रुपए मंजूर किए थे। 116 स्कूलों में काम हुए और उन्होंने कॉन्ट्रेक्टरों को भुगतान भी कर दिया। आरोप है कि अधिकांश ठेके एक ही फर्म को दिए गए।

शिकायत मिलने पर जिला पंचायत सीईओ ने जांच कराई है। भौतिक सत्यापन में 77 स्कूलों में 3 लाख से कम राशि के काम होना पाया गया। 25 स्कूल तो ऐसे हैं जहां आधी राशि के काम भी नहीं हुए। डीईओ मंगलेश व्यास ने संबंधित प्रिंसिपलों से 7 दिन में जवाब मांगा है। लेकिन प्रिंसिपलों ने कहा कि संपूर्ण भुगतान जिला स्तर पर केंद्रीयकृत था। वहीं से प्राप्त निर्देशों के अनुसार काम किए गए हैं।

जांच- 25 इंजीनियरों ने किया परीक्षण

गड़बड़ी की शिकायत मिलने के बाद जिला पंचायत ने 25 इंजीनियरों से भौतिक परीक्षण कराया। इनमें से 22 इंजीनियरों ने अपनी रिपोर्ट में 3 लाख रुपए से कम के काम होना बताया।

पलटवार- प्राचार्यों ने जिला अफसरों को बताया जिम्मेदार

इंदौर शहरी, इंदौर ग्रामीण, महू, देपालपुर और सांवेर ब्लाक के 45 प्रिंसिपल ने पलटवार किया। उन्होंने पूरे मामले में खुद को पाक-साफ बताते हुए जिला अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया।

जांच के बाद कार्रवाई करेंगे

प्रारंभिक स्तर पर 77 स्कूलों में गड़बड़ी होना पाया गया है। जांच पूर्ण होने के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।

-वंदना शर्मा, सीईओ, जिला पंचायत, इंदौर

प्रिंसिपलों से ही होगी वसूली

भौतिक सत्यापन में जिन स्कूलों में 3 लाख से कम के काम हुए हैं, उन्हें नोटिस दिए हैं। प्रिंसिपल से ही राशि वसूलेंगे।

-मंगलेश व्यास, डीईओ

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