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वित्तीय प्रबंधन:नए वित्त वर्ष में हर व्यक्ति करे अपना वित्तीय प्रबंधन, पहले माह से ही करें इसकी शुरुआत

  • अतः पहले ही दिन से सालभर का प्लान तैयार करना उचित

आगामी वर्ष में कोई भी आकस्मिक घटना, वित्तीय सुरक्षा और भविष्य की प्लानिंग को ध्यान में रख लिए जाने वाले निर्णय और रणनीति बनाने का सही वक्त आ गया है। चूंकि भारत में वित्त वर्ष के हिसाब से ही टैक्सेशन सहित सभी फाइनेंशियल प्लानिंग की जाती है।

अतः पहले ही दिन से सालभर का प्लान तैयार करना उचित है। इससे वित्तीय लक्ष्य प्राप्त करना सरल होता है। 1 अप्रैल से शुरू हो रहे वित्त वर्ष में क्या-क्या निवेश के निर्णय लेना चाहिए, इसे लेकर कुछ बिंदु बता रहे टैक्स प्रैक्टिशनर एसोसिएशन इंदौर के मानद सचिव सीए अभय शर्मा।

(1) सालभर के फाइनेंशियल गोल तय करना
वर्ष में आप क्या पाना चाहते हैं, कितना कमाना-बचाना चाहते हैं, आपकी संपत्ति में कितनी बढ़ोतरी होनी चाहिए, इसका आकलन वर्ष के पहले दिन ही कर लेना चाहिए। जैसे नई कार खरीदने के लिए बचत, आकस्मिक व्यय के लिए बचत, घूमने जाने के लिए पैसे इकट्ठा करना आदि।

(2) जीवन बीमा की रकम का निर्धारण
जीवन बीमा आपके अवसान के बाद परिवार को वित्तीय संकट से बचाता है। बीमित राशि कितनी हो, भविष्य में संभावित खर्च, वर्तमान लायबिलिटी आदि पर निर्भर करता है। बीमित राशि उतनी रखें, जिससे आपकी लायबिलिटी पूरी हो जाए, बची राशि से परिवार को फिक्स्ड मंथली आय मिल सके।

(3) स्वास्थ्य बीमा तथा बीमित रकम का निर्धारण
अपने स्टेटस तथा परिवार की सदस्य संख्या के अनुसार अपनी हेल्थ पॉलिसी राशि का निर्धारण करें। शादी से पहले हेल्थ बीमा ले रखा है तो शादी के बाद पॉलिसी में जीवन साथी का नाम जोड़ना न भूलें।

(4) इन्वेस्टमेंट का रिव्यू करें
एक अच्छे इन्वेस्टर का यह दायित्व है कि अपने इन्वेस्टमेंट का समय-समय पर रिव्यू करे, उसका करंट परफॉर्मेंस चेक करे, पिछले वित्तीय वर्ष में क्या रिटर्न दिया। यदि परिणाम संतोषजनक नहीं हो तो उक्त इन्वेस्टमेंट से पैसा निकालकर अच्छे पोर्टफोलियो में निवेश करें। अपने टोटल इन्वेस्टमेंट का कितना हिस्सा किसमें लगाना है या शिफ्ट करना है इसके लिए इनके परफॉर्मेंस का रिव्यू करना चाहिए।

(5) मासिक बचत की राशि को बढ़ाना
मुख्य ताकत बचत होती है। यह तय करें कि हर महीने एक निश्चित राशि बचत के रूप में निवेश की जाए तथा हर वर्ष इसमें बढ़ोतरी हो। गोल्डन रूल यह कहता है कि पिछले वर्ष से 10% अधिक बचत की जाना चाहिए। बचत इमरजेंसी के समय तुरंत राशि मिल सके।

(6) वर्ष के प्रथम माह से ही टैक्स प्लानिंग करें
वर्ष में आप कितना कमाने वाले हैं, इसका निर्धारण अपनी गोल सेटिंग में करके उसके अनुसार टैक्स प्लानिंग करें। वर्ष के अंतिम माह में टैक्स प्लानिंग या तो हो नहीं पाती या हम उसमें असमर्थ होते हैं। आयकर कानून के तहत वर्ष के प्रथम माह से ही टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट, एडवांस टैक्स तथा टीडीएस की प्लानिंग करना चाहिए।

(7) फाइनेंशियल के साथ हेल्थ प्लानिंग भी करें
फाइनेंशियल प्लानिंग के साथ अपने स्वास्थ्य पर भी निवेश करें। फिट रहने से लेकर हेल्दी डाइट तक सारे लक्ष्य आपकी प्लानिंग में होना चाहिए ताकि आप पूर्ण स्वस्थ रहकर वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त कर सकें।

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