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सिर्फ पैसों की बर्बादी का ‘खेल’:डेढ़ करोड़ खर्च कर पीपल्याहाना ब्रिज के बोगदों में बनाए हाॅकी व बास्केटबाॅल कोर्ट, तीन साल से सिर्फ धूल खा रहे

  • आईडीए की जिद- प्रोफेशनल क्लब को ही जिम्मा सौंपेंगे, विडंबना- शहर के क्लब तैयार, पर अनुमति नहीं मिल रही

इंदौर विकास प्राधिकरण ने पीपल्याहाना ब्रिज के नीचे बोगदों में डेढ़ करोड़ से हाॅकी के लिए टर्फ और बास्केटबाॅल के लिए कोर्ट बनाया है, लेकिन 3 साल से यहां केवल धूल ही 15-20 दिन में एक बार साफ हो रही है। दोनों कोर्ट के शुभारंभ के वक्त अतिथियों, आईडीए के अधिकारियों ने कोर्ट पर चलकर देखा था, शगुन स्वरूप ड्रिबलिंग और हाॅकी स्टिक घूमी थी।

इसके बाद से टेंडर निकाल-निकालकर किसी प्रोफेशनल क्लब की तलाश जारी है, लेकिन कोई आने को तैयार नहीं है। वहीं कुछ पुराने क्लब इन कोर्ट को लेने को तैयार थे, आईडीए के साथ बैठक भी हुई थी, लेकिन इन्हें सौंपने से इनकार कर दिया था।

पहली दफा अच्छा प्रयास किया, लेकिन वह भी असफल साबित हुआ

शहर में जितने भी ब्रिज बने उनके बोगदे पार्किंग, अतिक्रमण और कचरा घर बन गए हैं। शहर में इस ब्रिज के नीचे इस तरह की खेल गतिविधि की व्यवस्था संभवत: पहली दफा की गई है। स्पोर्ट्स एरिया में बकायदा पार्किंग की भी व्यवस्था की गई है, ताकि सर्विस रोड पर लोड नहीं आए। इतना अच्छा प्रयास किया, लेकिन वह भी असफल हो रहा है।

इंटरनेशनल स्विमिंग पूल भी प्रोफेशनल्स के लिए हो रहा तैयार
पीपल्याहाना में ही इंटरनेशनल लेवल का स्विमिंग पूल भी तैयार हो रहा है। इसे भी निजी हाथों में सौंपा जाएगा। यह पुल शौकिया तौर पर स्विमिंग करने वालों के लिए उपयुक्त नहीं है। कारण यह कि इसकी गहराई एक जैसी यानी 20 फीट तक है। नेहरू पार्क, तरण पुष्कर में गहराई धीरे-धीरे शुरू होती है। जिन्हें स्विमिंग नहीं आती है वह यहां सीखे पाते हैं।

इधर, निगम गर्मी में भी देरी से खोल रहा स्विमिंग पूल
महू नाका स्थित तरण पुष्कर को सुबह साढ़े 6 बजे खोला जा रहा है, जबकि हर साल गर्मियों में सुबह 5 बजे से ही खोल दिया जाता है। लोग सुबह पौने 6 बजे ही पहुंच जाते हैं। गर्मी में बड़ी संख्या में लोग तैरने आते हैं। देरी से खोलने पर एकदम से पुल में संख्या बढ़ जाती है।

हमें सौंप दिया जाए टर्फ, हम रखरखाव भी कर लेंगे

यदि आईडीए हमें टर्फ दे देता है तो खिलाड़ियों को प्रैक्टिस की जगह मिल जाएगी और हम इसका रखरखाव भी कर लेंगे। फिलहाल हॉकी के खिलाड़ी फुटपाथ पर खेलने को मजबूर हैं। आईडीए की योजना बहुत अच्छी है। बस जरूरत इस बात की है कि टर्फ का उपयोग होना चाहिए।
- देवकीनंदन सिलावट, सचिव, प्रकाश हॉकी क्लब

कोर्ट का फायदा खिलाड़ियों को मिलना चाहिए
कोर्ट तैयार है तो इसका फायदा खिलाड़ियों को जरूर मिलना चाहिए। आईडीए की योजना निश्चित ही तारीफ के काबिल है, लेकिन इसे जल्द से जल्द किसी क्लब को सौंप देना चाहिए। शहर में कई क्लब हैं, जो इसे लेने को तैयार हैं।
- कुलविंदर गिल, अध्यक्ष, एमपीबीए

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