- करदाताओं को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाएंगे
- लिटिगेशन कम होगा और विभाग को अटका हुआ राजस्व मिलेगा, पेनल्टी से राहत मिलेगी
नए वित्तीय वर्ष 2023-24 के पहले दिन ऐसे जीएसटी करदाता, जिनके रिटर्न समय पर और सही रूप से फाइल नहीं हो पाए हैं, उनके लिए विशेष एमनेस्टी स्कीम लागू की गई है। यह स्कीम 30 जून 2023 तक प्रभावी रहेगी। इसके प्रावधानों के लिए विभिन्न नोटिफिकेशन शुक्रवार को जारी हुए। इनमें सबसे महत्वपूर्ण है सस्पेंड जीएसटी नंबर को वापस एक्टिव करने के लिए लाए गए प्रावधान और पुराने रिटर्न भरने पर लेट फीस में रियायत मिलेगी।
डिमांड के ऑर्डर या 28 फरवरी के पहले भेजे नोटिस करवा सकते हैं समाप्त- सीए कीर्ति जोशी, जीएसटी विशेषज्ञ
- पहला प्रावधान- योजना के तहत पहला प्रावधान ऐसे करदाताओं के लिए है, जिन्होंने जीएसटी लागू होने के बाद से अब तक पिछले 6 वर्षों में किसी भी वर्ष वार्षिक रिटर्न नहीं भरा है। वह करदाता अधिकतम 20 हजार रुपए की लेट फीस भरकर अपने पुराने रिटर्न भर सकते हैं।
- यह होता था- इससे पहले करदाताओं पर प्रत्येक दिन की देरी पर 200 रुपए या टर्नओवर का 0.5% लेट फीस का भुगतान करना पड़ता था।
- दूसरा प्रावधान- उन करदाताओं के लिए है, जिनके जीएसटी पंजीयन रिटर्न न भरने की वजह से सस्पेंड हो गए हैं। ऐसे करदाता अपने सभी बकाया रिटर्न भरकर अपने जीएसटी पंजीयन को पुनः जीवित कर सकते हैं।
- तीसरा प्रावधान- तीसरा प्रावधान उन करदाताओं के लिए है, जिन्होंने रजिस्ट्रेशन सरेंडर कर दिया है या जिनका जीएसटी रजिस्ट्रेशन विभाग द्वारा अंतिम रूप से कैंसिल कर दिया गया है। ऐसे करदाताओं को अपना एक अंतिम रिटर्न दाखिल करना होता है, जिसके लिए अधिकतम लेट फीस 10 हजार रुपए भरना होती है। इसे कम करते हुए एक हजार रुपए तय किया है, यानी 9 हजार रुपए का सीधा फायदा।
- चौथा प्रावधान- ऐसे करदाता, जिन्होंने रिटर्न फाइल नहीं किया है और विभाग द्वारा भेजे नोटिस और डिमांड ऑर्डर के बाद भी रिटर्न भरकर टैक्स का भुगतान नहीं किया है, वे अपने विरुद्ध निकले डिमांड के ऑर्डर या 28 फरवरी के पहले भेजे गए नोटिस को समाप्त करवा सकते हैं। इसके लिए उन्हें 30 जून के पहले अपना सेल्फ एसेसमेंट करके जो भी टैक्स देना है, वो भरना होगा। फायदा 30 जून के पहले ही उठाया जा सकता है।
करदाताओं को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाएंगे
टैक्स प्रैक्टिशनर एसोसिएशन के एसजीएसटी सचिव सीए मनोज पी गुप्ता ने बताया कि ऐसे करदाता जिन्होंने अपना पुराने वर्षों का वार्षिक रिटर्न फाइल नहीं किया है, उन्हें इस स्कीम का फायदा लेने और वार्षिक रिटर्न जीएसटीआर 9 या 9सी फाइल करने के क्या फायदे हैं, इस बारे में टीपीए एक जागरूकता अभियान 30 जून तक चलाएगा। एमनेस्टी स्कीम से अब जीएसटी का लिटिगेशन कम होगा और विभाग को अपना अटका हुआ राजस्व प्राप्त होगा। करदाताओं को पेनल्टी से राहत मिलेगा। जहां किसी सप्लायर के रिटर्न नहीं भरने के कारण प्राप्तकर्ता को आईटीसी नहीं मिली थी, उन मामलों में भी इस स्कीम में जरिये रिटर्न भरने का प्रोत्साहन मिलेगा और व्यापारियों को आईटीसी भी मिल सकेगी।
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