सपा प्रमुख अखिलेश यादव शुक्रवार को भीमराव आंबेडकर की 132वीं जयंती पर उनकी जन्मस्थली मध्य प्रदेश के महू पहुंचे। इस दौरान उन्होंने रालोद चीफ जयंत चौधरी और आजाद समाज पार्टी के चंद्रशेखर के साथ निकाय चुनाव पर चर्चा की। अखिलेश ने अतीक अहमद के बेटे असद के एनकाउंटर को लेकर यूपी सरकार पर निशाना साधा। अखिलेश ने कहा, UP में भाजपा सरकार फर्जी और झूठे एनकाउंटर करा रही है।
अखिलेश ने कहा, सरकार ने कानून और संविधान खत्म कर दिया है। अपराधी और दबंग कमजोरों की पीट-पीट कर हत्या कर रहे हैं। सही गलत का फैसला कोर्ट में होना चाहिए। अधिकारी सरकार के दबाव में काम कर रहे हैं। सबसे ज्यादा फर्जी एनकाउंटर यूपी में हो रहे हैं।
अखिलेश के संबोधन की बड़ी बातें...
- सरकार बताए कानपुर देहात में ब्राह्मण मां-बेटी की जलने से मौत के जिम्मेदार लोगों को मिट्टी में क्यों नहीं मिलाया गया?
- बलिया के नौजवान छात्र नेता को घेर कर हत्या करने वाले अपने स्वजातीय अपराधियों को मुख्यमंत्री जी कब मिट्टी में मिलाएंगे?
- सबसे ज्यादा पुलिस हिरासत में मौतें यूपी में हो रही हैं। मानवाधिकार आयोग से सबसे ज्यादा नोटिस उत्तर प्रदेश सरकार को मिली हैं।
- हम लोगों ने संकल्प लिया है कि बाबा साहब ने कमजोर और शोषित लोगों की ताकत के लिए जो संविधान दिया है, उसे बचाएंगे।
- भाजपा सरकार के पास महंगाई, बेरोजगारी को लेकर कोई जवाब नहीं है। उद्योगपति देश छोड़कर बाहर जा रहे है।
- बैंको का पैसा लेकर चले गए लेकिन सरकार कोई जवाब नहीं दे रही है। नोटबंदी और जीएसटी से व्यापार चौपट हो गया।
अखिलेश-जयंत के साथ चंद्रशेखर ने इंदौर में मनाई आंबेडकर जयंती, इसके राजनीतिक मायने पढ़िए...
सपा, रालोद और आजाद समाज पार्टियों के मुखिया शुक्रवार को इंदौर के महू पहुंचे। अखिलेश, जयंत और चंद्रशेखर ने भीमराव आंबेडकर की जयंती पर उनकी जन्मस्थली पर जाकर उन्हें नमन किया। तीनों नेता लखनऊ लौटेंगे। यहां यूपी निकाय चुनाव में तीनों दल में मेयर सीटों को लेकर ब्लू प्रिंट भी फाइनल होगा।
मुस्लिम, पिछड़े और दलित को लाना है साथ
यूपी विधानसभा चुनाव में सपा-रालोद ने गठबंधन में चुनाव लड़ा। मुस्लिम, जाट और पिछड़ों का समीकरण साधते हुए गठबंधन ने भाजपा को खासी चुनौती दी। किसान आंदोलन, लखीमपुर खीरी कांड से गुस्साए किसानों ने गठबंधन का स्वागत किया। वेस्ट यूपी में भाजपा की मुश्किलें बढ़ा दी थी। गठबंधन का अंजाम ये रहा कि वेस्ट यूपी में भाजपा को अपनी प्रमुख सीटों से हाथ धोना पड़ा।
इसी फार्मूले को आगे बढ़ाते हुए विपक्ष अब निकाय चुनाव में मुस्लिम, पिछड़ों और दलितों का समीकरण साधकर भाजपा को चुनौती देना चाहता है। जिस आजाद समाज पार्टी से गठबंधन को अखिलेश यादव ने विधानसभा चुनाव में तवज्जो नहीं दिया। उससे अब हाथ मिलाकर भाजपा को निकाय चुनाव में टक्कर देने की तैयारी है।
भीमराव आंबेडकर जयंती पर सपा सांसद डिपंल यादव मैनपुरी पहुंची। उन्होंने कहा, यूपी में लगातार फेक एनकाउंटर हो रहे हैं। भारत एक लोकतांत्रिक देश है जो कि डेमोक्रेसी से चलता है। यहां कुछ नियम और कानून हैं। जिनकी यूपी में धज्जियां उड़ाई जा रही है।
निकाय चुनाव के बहाने 2024 की तैयारी
अखिलेश, जयंत और चंद्रशेखर तीनों की महू में चर्चा, दरअसल 2024 के लोकसभा चुनाव की पटकथा है। तीनों दलों के राष्ट्रीय अध्यक्ष, निकाय चुनाव के बहाने 2024 में भाजपा को घेरने की स्क्रिप्ट तैयार कर रहे हैं। दलित, पिछड़ा, मुस्लिम का समीकरण सक्सेस हुआ तो 2024 में इसे फॉलो किया जा सकता है।
बाबा साहेब की जन्मस्थली पर पहुंच रहे कई नेता
बाबा भीमराव रामजी आंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 में मध्यप्रदेश के इंदौर के महू में हुआ था। आज बाबा साहेब की जन्मस्थली पर देशभर से नेता श्रृद्धांजलि देने पहुंच रहे हैं। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय सहित मप्र के पूर्व सीएम कमलनाथ, मप्र के वर्तमान सीएम शिवराज सिंह चौहान रहेंगे। वहीं अखिलेश यादव, चंद्रशेखर और जयंत चौधरी यहां किशनगंज नाके से रैली के रूप में जन्मस्थली पहुंचे। यहां अखिलेश एक सभा को भी संबोधित करेंगे।
मेरठ सीट पर रालोद की दावेदारी
सपा के साथ गठबंधन में यूपी में निकाय चुनाव लड़ रहा रालोद अपने लिए मेरठ सीट मुख्य रूप से मांग रहा है। यहां सपा पहले ही सरधना विधायक अतुल प्रधान की पत्नी सीमा प्रधान को टिकट दे चुकी है। सपा का प्रत्याशी उतरने से रालोद नेताओं में बेहद नाराजगी है। विधानसभा चुनाव में टिकटों में भेदभाव पर रालोद कार्यकर्ताओं ने किसी तरह गुस्सा शांत कर लिया था। वो नाराजगी निकाय चुनाव में बाहर आने को तैयार है। इसका नुकसान रालोद को उठाना पड़ सकता है। बता दें मेरठ मेयर सीट पर रालोद से 10 बड़े नेता कतार में हैं।
भाजपा को करना पड़ा था जाट सम्मेलन
विधानसभा चुनाव में गठबंधन को कमजोर करने के लिए भाजपा ने कई पैतरें चले। अमित शाह को जाटों को मनाने के लिए दिल्ली में विशेष जाट सम्मेलन करना पड़ा। जिसमें वेस्ट यूपी के प्रमुख जाट नेताओं को बुलाकर उनसे बातचीत की गई। टिकटों के बंटवारे में जाटों को प्राथमिकता दी गई। अंदरखाने जयंत चौधरी को भाजपा में आने का निमंत्रण दिया गया जिसे जयंत ने ठुकरा दिया था। नतीजा यह रहा कि रालोद ने वेस्ट यूपी में 8 सीटें जीतकर अपना मजबूत वजूद साबित कर दिया।
सोमवार को दिल्ली में रालोद की बैठक
रालोद के नेताओं से मिली जानकारी के अनुसार अगर महू में सीटों के बंटवारे पर बात नहीं बनी। तो सोमवार को रालोद नेताओं की अहम बैठक दिल्ली में होगी। जिसमें गठबंधन के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे।
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