जीएसटी विभाग द्वारा पंजीयन जांच की मुहिम के तहत शनिवार और रविवार को फर्जी जीएसटी पंजीयन लेने वाली एक कंपनी के प्रोपराइटर और उसके साथी को 12 करोड रुपए की टैक्स चोरी के मामले में गिरफ्तार किया गया। दोनों आरोपियों दिनेश राठौर और आशीष अग्रवाल को रविवार को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन के लिए जेल भेजा गया है।
केंद्रीय जीएसटी भोपाल जोन के प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर नवनीत गोयल और प्रिंसिपल कमिश्नर पार्थराय चौधरी ने बताया कि फर्जी कंपनियों द्वारा जीएसटी नंबर लेकर कर चोरी करने पर रोक लगाने के लिए हाल ही में एक मुहिम शुरू की गई है। उन्होंने बताया कि केंद्रीय जीएसटी इंदौर आयुक्तालय द्वारा 124 फर्म की जांच की गई है जिसमें से 87 फर्जी पाई गई हैं और इनके द्वारा कुल 104 करोड़ की कर चोरी की गई है।
इंदौर में पंजीकृत मैसर्स धनराज ट्रेडर ट्रेडर्स को पिछले कई दिनों से समन भेजे जा रहे थे। कंपनी के प्रोपराइटर दिनेश राठौर जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे। उनके साथी आशीष अग्रवाल द्वारा मिलकर उक्त जीएसटी पंजीकृत कंपनी के माध्यम से कर चोरी को अंजाम दिया जा रहा है।
गुजरात के डीलर से मुलाकात कराई
जांच के अनुसार गुजरात के एक इनपुट टैक्स क्रेडिट का हेरफेर करने वाले ब्रोकर का संपर्क आशीष अग्रवाल से हुआ, जिसने धनराज ट्रेडर के मालिक दिनेश राठौर से गुजरात के डीलर की मुलाकात करवाई। दोनों के बीच फर्जी इनवॉइस के आधार पर इनपुट टैक्स क्रेडिट चोरी किए जाने को लेकर बात हुई।
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