- ऐसी ठगी रोकने में लाचार भोपाल और स्टेट सायबर पुलिस को अब एडवायजरी का सहारा, क्योंकि भारत से बाहर है टेलीग्राम का सर्वर
टेलीग्राम...एक एनॉिनमस यानी बगैर असली पहचान बताए आईडी बनाने की खासियत वाली सोशल मीडिया एप्लीकेशन, जिसे सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए बनाया गया था। सायबर अपराधियों ने इसकी गुमनाम रहने वाली खासियत का फायदा उठाकर प्रदेशभर में बीते तीन महीने में 4 करोड़ रुपए की ठगी कर दी है। स्टेट सायबर सेल में टेलीग्राम के जरिए ठगी की 45 और भोपाल सायबर क्राइम के पास 16 शिकायतें पहुंची हैं।
अलग-अलग चैनल बनाकर टेलीग्राम के जरिए रोजाना क्रिप्टो, फेक जॉब, पेपर लीक, कॉल गर्ल्स, पायरेटेड मूवीज जैसे अपराध हो रहे हैं। केस बढ़ते देख स्टेट सायबर पुलिस ने टेलीग्राम यूजर्स को डिजिटल हाइजीन अपनाने की सलाह दी है। डिजिटल हाइजीन यानी सायबर की दुनिया में अपने गोपनीय डेटा को सुरक्षित रखना। ऐसा तभी संभव है, जब लोग सायबर क्रिमिनल्स के झांसे में आना बंद करेंगे। एडीजी योगेश देशमुख के मुताबिक एक-दो मिनट की चैटिंग में ही जालसाज समझ जाते हैं कि व्यक्ति की रुचि क्या है? यानी वह बेरोजगार है, क्रिप्टो में पैसा कमाना चाहता है, या उसे लीक पेपर की जरूरत है? व्यक्ति की रुचि पता चलते ही जालसाज वही ऑफर देते हैं और अपने झांसे में ले लेते हैं। इसके बाद लालच और प्रेशर के कॉकटेल से अपने मंसूबों में कामयाब हो जाते हैं।
भोपाल में जापान की महिला के जरिए 41.07 लाख रुपए की ठगी
डीसीपी क्राइम श्रुतकीर्ति सोमवंशी ने बताया कि भोपाल सायबर क्राइम पुलिस के पास हाल ही में एक ऐसी शिकायत पहुंची है, जिसमें राजधानी के कारोबारी के साथ 41.07 लाख रुपए की ठगी कर दी गई। क्रिप्टो में निवेश के नाम पर हुई ये ठगी भी टेलीग्राम के जरिए ही हुई। जिला सायबर सेल 2 लाख से ज्यादा रकम की ठगी के मामले में जांच नहीं कर सकती, इसलिए ये शिकायत स्टेट सायबर क्राइम को ट्रांसफर की जा रही है। जालसाजों ने कारोबारी को जापान की महिला के जरिए झांसे में लिया और कई बार में इतनी बड़ी रकम ठग ली।
बढ़ रहा अपराध का कारोबार
- टेलीग्राम पर अलग-अलग ट्रेंडिंग चैनल से मिलते-जुलते नाम के फर्जी चैनल बनाकर हर तरह के अपराध किए जा रहे हैं।
- सबसे ज्यादा ठगी पार्ट टाइम जॉब, टास्क पूरा करने पर कमीशन का लालच देकर हो रही है।
- यहां क्रिप्टो करंसी में निवेश पर बंपर रिटर्न के नाम पर भी लाखों रुपए जमा करवाए जा रहे हैं।
- प्रोडक्ट की शॉपिंग व सॉफ्टवेयर की मदद से रेटिंग बढ़ाने के नाम पर पैसा जमा कराने और लाभ दिखाकर पैसे ब्लॉक करके ग्रुप डिलीट भी किए गए हैं।
ये एहतियात बरत सकते हैं
- टेलीग्राम पर अनजान प्रोफाइल, ग्रुप या चैनल से न जुड़ें और न ही किसी दिए गए लिंक पर क्लिक करें।
- क्रिप्टो करंसी निवेश पर लाभ, शॉपिंग या जॉब ऑफर्स के लालच में फीस, रजिस्ट्रेशन, एडवांस ट्रेडिंग मनी के नाम पर पैसा ट्रांसफर न करें।
- अपने सभी सोशल मीडिया व ईमेल अकाउंट पर ट्रू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन की सुविधा चालू करें, ताकि आपके अकाउंट को हैक न किया जा सके।
- सायबर फ्रॉड हुआ है तो www.cybercrime.gov.in या टोल फ्री नंबर 1930 पर क्लिक करें।
बड़ी परेशानी- एनॉनिमस आईडी
टेलीग्राम से होने वाली जालसाजी में जांच एजेंसियों की सबसे बड़ी परेशानी है- एप्लीकेशन का एनॉनिमस आईडी होना। इस एप में बगैर असल पहचान बताए किसी भी नाम से आईडी बनाई जा सकती है। जालसाजी होने पर इसकी जानकारी पुलिस को आसानी से नहीं मिल पाती है। इसका सर्वर भी देश से बाहर है, इसलिए ये परेशानी ज्यादा आती है।
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