- ऐसी कुछ मॉडल गोशालाएं बनाई जाएंगी, जिन्हें कोई संस्था सरकार से वित्तीय सहायता लेकर चला सकती है
प्रदेश में अब हर पंचायत में गोशाला खोलने की बजाय सरकार 4-5 पंचायतों के बीच एक बड़ी गोशाला बनाने पर विचार कर रही है। ऐसी कुछ मॉडल गोशालाएं बनाई जाएंगी, जिन्हें कोई संस्था सरकार से वित्तीय सहायता लेकर चला सकती है। यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कही।
भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में शुक्रवार को गायों और अन्य पशुओं के लिए इलाज की सुविधा से लैस 406 एंबुलेंसों का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा गोशालाओं की जमीन अतिक्रमण से मुक्त होगी। गोशालाओं को कांजी हाउस का दर्जा देने पर भी विचार होगा। गोवंश की गणना भी होगी। गोशालाओं की समस्याओं के त्वरित समाधान-प्रबंधन के लिए अपर कलेक्टर स्तर के अधिकारी को जिम्मेदारी देंगे।
गोशाला में बनेगा प्राकृतिक पेंट
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि गोशालाओं में बनाए जाने वाले प्राकृतिक पेंट का उपयोग ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायतस्तर के शासकीय भवनों में करने की नीति बनाई जाएगी। गाय के गोबर से सीएनजी बनाने के प्रोजेक्ट पर जबलपुर में कार्य चल रहा है। प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर गोवर्धन प्लांट स्थापित कर गोबर खरीदने की व्यवस्था की जाएगी, इससे सीएनजी निर्मित होगी।
8 गो-सदन, 2 गो वन्य विहार बनाएंगे
प्रदेश में 8 गो-सदन और दो गोवंश वन्य विहार विकसित किए जाएंगे। इनके संचालन का जिम्मा गो-सेवक संस्था को सौंपा जाएगा। पंजीकृत गोशालाओं को बिजली के बिल की समस्या न आए और इससे गोमाता की सेवा में कोई व्यवधान उत्पन्न न हो, इसके लिए नीति बनेगी। गोशाला की भूसे के लिए फिर से राशि निर्धारित करेंगे।
हर एंबुलेंस में होंगे वेटरनरी डॉक्टर, पैरावेट
हर एम्बुलेंस इलाज की आधुनिक सुविधाओं से लैस होगी। हर वाहन में एक वेटरनरी डॉक्टर, पैरावेट और ड्राइवर कम सहायक होंगे। टोल-फ्री नंबर 1962 पर कॉल करके घायल या बीमार पशु के लिए इलाज उपलब्ध हो जाएगा।
पशुओं के इलाज या आपात स्थिति में 1962 पर कॉल करना होगा। जो भी व्यक्ति कॉल करेगा चाहे व पशुपालक हो या अन्य कोई उसे 150 रुपए देय होंगे। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि जरूरतमंद ही इसका उपयोग करें, नहीं ताे फेक कॉल कर एंबुलेंस बुलाई जा सकती है। ऐसे में वाकई में जिसे जरूरत है वह प्रभावित होगा।
- डॉ. एचबीएस भदौरिया, एमडी, कुक्कुट विकास निगम
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