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कानून में बदलाव:पेपर लीक करने वालों पर लगेगा रासुका, 6 महीने तक नहीं होगी जमानत; 10 साल जेल और 10 लाख जुर्माना

एमपी बोर्ड के प्रश्न-पत्र की गोपनीयता भंग करने वालों पर सख्ती के लिए बदला जा रहा कानून - Dainik Bhaskar

एमपी बोर्ड के प्रश्न-पत्र की गोपनीयता भंग करने वालों पर सख्ती के लिए बदला जा रहा कानून

2023-24 में बोर्ड परीक्षाओं के प्रश्न-पत्र की गोपनीयता भंग करने वालों पर सख्त और त्वरित कार्रवाई के लिए माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) कानून में बदलाव कर रहा है। पेपर लीक करने वालों पर अब राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगेगा। इसके तहत 10 साल की जेल और 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। पेपर लीक के आरोपी की 6 महीने तक जमानत भी नहीं होगी।

यह निर्णय हाल ही में माशिमं कार्यपालिका समिति की बैठक में लिया जा चुका है। मंडल द्वारा इसका विस्तृत प्रस्ताव तैयार कराया जा रहा है। इस पर जुलाई के अंतिम सप्ताह में आदेश जारी हो जाएंगे। रासुका के साथ ही गोपनीयता भंग करने वालों के खिलाफ जांच का समय भी निर्धारित किया जा रहा है, ताकि आरोपियों की समयसीमा में बर्खास्तगी करवाई जा सके।

  • सख्ती- गोपनीयता भंग करने पर जांच की सीमा तय होगी, ताकि बर्खास्त किया जा सके
  • तैयारी- 25 जुलाई के बाद जारी होंगे आदेश, माशिमं की समिति ले चुकी है फैसला

आसानी से मिल जाती है जमानत

बोर्ड की 10वीं व 12वीं परीक्षा के प्रश्न-पत्रों की गोपनीयता भंग करने पर अभी मप्र मान्यता परीक्षा अधिनियम-1937 की धारा 14 के प्रावधान के अनुसार 3 साल की सजा का प्रावधान है। इसमें त्वरित कार्रवाई नहीं होती और जमानत भी मिल जाती है। ऐसे में दोषी बच निकलते हैं। इसी के चलते मंडल की कार्यपालिका समिति ने कानून में बदलाव का निर्णय लिया।

13 पर्चे लीक, अब परीक्षा से पहले पर्चे ट्रेजरी में रखे जाएंगे

2022-23 में 10वीं-12वीं के लीक हुए कुल 13 पेपर टेलीग्राम पर बिकने के मामले सामने आए। इस मुद्दे को दैनिक भास्कर ने प्रमुखता से उठाया था। लगातार 15 दिन के विशेष कवरेज के बाद माशिमं ने कानून में बड़े बदलाव का निर्णय लिया। आरोपियों के खिलाफ रासुका लगाने के अलावा बोर्ड ने परीक्षा से पहले पेपर पुलिस थाने की बजाय यूपीएससी की तर्ज पर बैंकों अथवा ट्रेजरी में रखने का प्रस्ताव बनाया है।

10 बिंदुओं पर प्रस्ताव, केंद्रों में सीसीटीवी, जैमर लगाए जाएंगे

पेपर लीक होने से बचाने के लिए परीक्षा केंद्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का भी प्रस्ताव है। इसके साथ ही थाने से प्रश्न-पत्र स्मार्ट लॉक बॉक्स (डिजिटल बॉक्स) में रखकर केंद्र तक पहुंचाने, परीक्षा केंद्रों पर जैमर लगाने, ऑब्जेक्टिव प्रश्नों की संख्या का अनुपात 40% की बजाए 10% रखते हुए लघु उत्तर वाले व्यवहारिक एवं ज्ञान परख प्रश्नों की संख्या में बढ़ाने, जिस केंद्र पर पेपर लीक हुआ, उसकी मान्यता निरस्त करने का प्रस्ताव है।

कंट्रोल रूम की बजाय परीक्षा हॉल में ही खोले जाएंगे पेपर

बैठक में बोर्ड ने प्रश्न-पत्रों को कंट्रोल रूम की बजाय परीक्षा हॉल में ही खोलने का प्रस्ताव दिया है। इसके लिए केंद्र पर कक्षवार छात्रों की बैठक व्यवस्था की संख्या निर्धारित कर प्रश्न-पत्रों के पैकेट्स तैयार किए जाएंगे। यानी, हर कक्ष में छात्रों की संख्या 20/30/40 (कोई भी एक संख्या) निर्धारित की जाती है तो पैकेट्स में कुल उतने की प्रश्न-पत्र होंगे।

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