टैक्स कलेक्शन की दृष्टि से अप्रैल महीना महत्वपूर्ण माना जाता है। इस साल प्रदेश में कई सेक्टर्स ने पिछले अप्रैल के मुकाबले ज्यादा टैक्स अदा किया है। टैक्स कलेक्शन में सबसे ज्यादा बढ़त अनाज और धान्य से मिली। इसके बाद निर्माण कार्यों के सेक्टर में बढ़ी ग्रोथ देखी गई है। अनाज के क्षेत्र में जहां पिछले साल 94.57 करोड़ रुपए का जीएसटी संग्रहण हुआ था, वहीं इस साल अप्रैल 2023 में 181 करोड़ रुपए का जीएसटी संग्रहण हुआ है। यानी 91% की बढ़त दर्ज हुई है।
इसके साथ ही निर्माण के क्षेत्र में प्रगति देखने को मिली। पिछले साल जहां 60 करोड़ रुपए का जीएसटी संग्रहण इस सेक्टर से हुआ था, वहीं इस साल 112 करोड़ रुपए की राशि सरकार को बतौर राजस्व प्राप्त हुई है। यानी 84% की बढ़त हुई है। अगर सम्पूर्ण जीएसटी संग्रहण की बात की जाए तो देशभर में बड़े राज्यों में मप्र में सर्वाधिक टैक्स कलेक्शन में 28% की बढ़ोतरी दर्ज हुई है। पिछले साल 3339 करोड़ रुपए मिले थे, इस साल अप्रैल में 4267 करोड़ का जीएसटी कलेक्शन हुआ जो 28% ज्यादा है।
कौन से सेक्टर से मिला कितना राजस्व, किसमें कितनी बढ़त?
(राशि करोड़ रुपए में)
प्रमुख सेक्टर अप्रैल 2021 अप्रैल 2022 अप्रैल 2023 एक साल में बढ़त
मिनरल फ्यूल और आयल के उत्पाद 573.42 518.06 685.38 32.30%
चूना, सीमेंट और मिनरल प्रोडक्ट्स 384.40 328.80 439.57 33.69%
ऑटोमोबाइल्स 100.46 224.92 298.48 32.70%
वित्तीय सेवाएं 138.06 186.60 199.86 7.11%
अनाज, धान्य 69.55 94.57 181.08 91.48%
निर्माण सेवाएं 61.14 60.99 112.61 84.63%
इलेक्ट्रिकल मशीनरी, इक्विपमेंट और पार्ट्स 33.80 69.65 112.16 61.04%
स्क्रूटनी का असर दिखा
जीएसटी आयुक्त लोकेश कुमार जाटव ने बताया, बीते साल कंस्ट्रक्शन सेवाओं पर विभाग ने गहराई से स्क्रूटनी की थी। इस कारण बड़ी राशि कैश और आईटीसी रिवर्सल के माध्यम से मिली है। इसके अलावा इलेक्ट्रिकल मशीनरी व उससे जुड़े पार्ट्स और इक्विपमेंट (61%), मशीन और मैकेनिकल एप्लाइंसेज (56%) और सेवाओं से प्राप्त जीएसटी कलेक्शन (49%) हुआ है। प्रदेश के राजस्व में सबसे ज्यादा टैक्स देने वाले सेक्टर मिनरल फ्यूल, ऑयल हैं, फिर चूना, सीमेंट और मिनरल प्रोडक्ट आते हैं। तीसरे स्थान पर ऑटोमोबाइल है।
आर्म्स एंड एम्युनिशन सेक्टर में 664 प्रतिशत वृद्धि
टैक्स कलेक्शन में चौंकाने वाला आंकड़ा है आर्म्स एंड एम्युनिशन सेक्टर में हुई बढ़ोतरी। इसमें पिछले साल महज 12 करोड़ जीएसटी मिला था। इस बार 91 करोड़ मिले हैं। हालांकि, आंकड़ा भ्रमित करने वाला है, क्योंकि प्रदेश में बंदूकों की बिक्री में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई। 91 करोड़ राजस्व में से लगभग 83 करोड़ का जीएसटी जबलपुर की एक कंपनी म्युनिशन इंडिया लिमिटेड ने ही जमा किया है। शेष 8 करोड़ रुपए पूरे प्रदेश से मिले हैं, जो पिछले अप्रैल के मुकाबले 4 करोड़ कम हैं।
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