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नए संसद भवन में अशोक स्तंभ का इंदौर से कनेक्शन:शहर के स्व. दीनानाथ भार्गव द्वारा निर्मित अशोक स्तम्भ की पहली प्रतिकृति दिखेगी

भारत के नए संसद भवन का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। खास बात यह कि नए संसद भवन में इंदौर के स्व. दीनानाथ भार्गव द्वारा निर्मित अशोक स्तंभ की पहली प्रतिकृति भी दिखेगी।

इंदौर में बनाई गई अशोक स्तंभ की दुर्लभ प्रतिकृति नए संसद भवन में लगाई गई है। भार्गव को इसे बनाने की जिम्मेदारी तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय जवाहर लाल नेहरू ने दी थी। दीनानाथ भार्गव ने ही संविधान का पहला पेज डिजाइन किया था जिस पर अशोक स्तंभ बना हुआ है। स्व. दीनानाथ भार्गव की बहू सापेक्षी का कहना है कि यह इंदौर ही नहीं बल्कि पूरे मध्यप्रदेश के लिए गर्व का विषय है। इस अशोक स्तंभ का उपयोग जीवन में जन्म से लेकर मृत्यु काल तक हर पन्ने और हर सरकारी काम पर इसका आलेख मिलता है, लेकिन अभी तक केंद्र सरकार से उन्हें इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है।

स्व.दीनानाथ द्वारा निर्मित अशोक स्तम्भ की प्रतिकृति के साथ बेटा-बहू सौमित्र व सापेक्षी।
स्व.दीनानाथ द्वारा निर्मित अशोक स्तम्भ की प्रतिकृति के साथ बेटा-बहू सौमित्र व सापेक्षी।

दीनानाथ भार्गव का इंदौर में 24 दिसंबर 2016 को 89 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था। उनके परिवार के लोग आज बहुत खुश हैं कि उनके पिता की बनाई दुर्लभ प्रतिकृति नए संसद भवन में लगाई गई है। बेटे सौमित्र ने बताया कि संसद भवन बनाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐतिहासिक काम किया है। उस भवन में मेरे पिता की बनाई अशोक स्तंभ की प्रतिकृति लगाई गई है, यह हमारे लिए बहुत गौरव की बात है। पिता ने यह पेंटिंग 20-21 साल की उम्र में बनाया थी। इस अशोक स्तंभ को बनाने के लिए वे तीन महीने तक कोलकाता के चिड़ियाघर में गए थे, जिससे वे शेरों के उठने-बैठने और उनके हाव-भाव को देख सकें। इसके बाद ही अशोक स्तंभ की ये प्रतिकृति उन्होंने बनाई थी।

परिवार के पास है अशोक स्तंभ की एक प्रतिकृति

अशोक स्तंभ की एक प्रतिकृति आनंद नगर (इंदौर) स्थित घर में उनके परिजनों ने आज भी सहेजकर रखी है। सोने के वर्क से तैयार इस प्रतिकृति में दिखाई दे रहे तीनों शेरों का मुंह थोड़ा खुला है और उनके दांत भी नजर आ रहे हैं। इसमें नीचे की ओर सुनहरे अक्षरों में ‘सत्यमेव जयते' लिखा है़।

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