वेतनवृद्धि, क्रमोन्नति के लिए पात्रता की मांग नहीं की जा सकती
हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने सरकारी कर्मचारियों के पक्ष में महत्वपूर्ण फैसला दिया है। हाई कोर्ट ने एक वनकर्मी को वेतनमान का लाभ नहीं दिए जाने पर सरकार के आदेश को निरस्त करते हुए कहा है कि प्रमोशन के लिए कर्मचारियों को पात्रता परीक्षा पास करने की आवश्यकता होती है, लेकिन प्रमोशन वाले पद का सिर्फ वेतनमान ही मिल रहा है तो उसके लिए पात्रता परीक्षा की आवश्यकता नहीं है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने भी इसी तरह के मामले में आदेश जारी किया था। इसमें कहा गया था कि वेतनवृद्धि, क्रमोन्नति के लिए पात्रता की मांग नहीं की जा सकती।
वनकर्मी सुनील बिरथरे को वेतनवृद्धि का लाभ नहीं दिया गया। इसके पीछे कारण दिया गया कि उसे प्रमोशन वाले पद का वेतनमान मिलना है, इसके लिए उसने पात्रता परीक्षा पास नहीं की है। इस नोटिस को अधिवक्ता आनंद अग्रवाल के जरिए हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी। इसमें उल्लेख किया गया कि वेतनवृद्धि का लाभ नहीं दिए जाने के पीछे का कारण बिलकुल सही नहीं है। मध्यप्रदेश सर्विस रूल्स में भी इसके बारे में कुछ भी स्पष्ट नहीं है। किसी पद को हासिल करने के लिए उसके लिए योग्यता होना, ट्रेनिंग लेना जरूरी है, लेकिन उस पद का वेतन दिए जाने के लिए कोई नियम नहीं है। हाई कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद सरकार के आदेश को निरस्त कर दिया।
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