- किताबों से जानिए, नजरें मिलाकर बात करने का असर कितना कमाल का होता है, क्यों अकेले रहना भी जरूरी होता है ?
नजरें मिलाकर बात किया करें
जब आप नजरें मिलाने से बचते हैं तो सामने वाले पर अच्छा प्रभाव नहीं छोड़ते। आप उन्हें संदेश देते हैं कि आप में आत्मविश्वास की कमी है। नजरें मिलाकर बात करने से सामने वाले को संदेश जाता है कि आप ईमानदार और सच्चे हैं। आत्मविश्वास से भरे हैं। लोगों से हमेशा आंख मिलाकर बात किया करें। इससे सामने वाला आप पर ज्यादा भरोसा करेगा।
जोश और उत्साह बना रहे
जीवन में ऐसा कोई काम न करें, जिसमें आपकी रुचि न हो क्योंकि जिस काम में आपकी रुचि नहीं होती, उसे आप अधूरे मन से करते हैं। अगर जीवन में आगे बढ़ना है तो जोश काम आता है। बिना जोश के आपके मन में निराशा के भाव पैदा होंगे और आप कभी आगे नहीं बढ़ पाएंगे। यदि मन में जोश और उत्साह है तो सफलता मिलने तक डटे रहेंगे।
स्वतंत्र रहना सिखाएगा एकांत
शोध दावा करते हैं कि जो लोग अकेले में ज्यादा समय बिताते हैं वो फिजिकल, मेंटल, इमोशनल स्ट्रेस से मुक्त रहते हैं। मनुष्य शरीर को इस तरह डिजाइन नहीं किया गया है कि वो लोगों से घिरा रहे। फ्रांस हॉजसन ब्रूनेट ने अपनी किताब ‘द सीक्रेट गार्डन’ में ऐसे गार्डन का जिक्र किया है, जहां राजा-महाराजा कुछ पल अकेले बिताने और ध्यान लगाने जाते थे। एकांत मनुष्य का दोस्त है। एकांत स्वतंत्र रहना सिखाता है।
मेंटल साइलेंस क्यों जरूरी है
मलिन विचार सीधे नर्वस सिस्टम पर आक्रमण करते हैं। मजबूत और स्वच्छ विचार शरीर को ताकत देते हैं। शोध बताते हैं तनाव से पेट खराब होता है। साइलेंस या मेडिटेशन फायदा करता है। जब हमारा दिमाग विचारों से थक जाता है तो मेंटल साइलेंस सर्किट ब्रेकर का काम करता है। मेंटल साइलेंस दिमाग के लिए टाइम-आउट है। जब सकारात्मक विचार काम न कर रहे हों तो नॉन-थिंकिंग मोड में जाना सबसे अच्छा है।
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