यदि ग्रामीण क्षेत्र में आपका फार्म हाउस, गो डाउन, रिसोर्ट है तो आपको संपत्ति कर देना ही होगा। सरकारी निगम, मंडल, घर मालिक भी इसके दायरे में हैं। शुरुआत भोपाल जिले से हो गई है। यहां एक लाख रु. से कम के संपत्ति कर बकायादारों से ग्राम पंचायत तो इससे ज्यादा वालों से जिला पंचायत सीईओ के जरिए वसूली की जा रही है। बकायादारों को नोटिस जारी किए गए हैं। वसूली शुरू हो चुकी है। अगले कुछ दिनों में ये व्यवस्था प्रदेश में लागू हो जाएगी।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने पिछले साल 28 जून को एक पत्र जारी करके सभी पंचायतों में टैक्स वसूली के निर्देश जारी किए थे। इसके बाद भोपाल जिला पंचायत ने सभी ग्राम पंचायतों को अपने-अपने क्षेत्रों में सर्वे कराने को कहा। इसमें पंचायत में बने मकानों, दुकानों और खुली भूमि का सर्वे किया गया है। इसके बाद से नोटिस जारी किए जा रहे हैं। अब तक एक लाख से अधिक के 100 से अधिक बकायादारों को नोटिस जारी हो चुके हैं। भदभदा रोड, रायसेन रोड और कोलार रोड के साथ बैरसिया में बड़ी संख्या में नोटिस जारी हुए हैं।
- भोपाल जिले में नया सिस्टम शुरू, जल्द प्रदेश में लागू होगा
- एक लाख तक और उससेे बड़े बकायादारों पर सख्ती
हम पर कितना असर- मकान की कीमत 1 लाख तो देने होंगे 200 रुपए
पंचायतों में आवासीय संपत्ति पर 0.20% और व्यावसायिक संपत्ति पर 0.30% संपत्ति कर लगाया गया है यानी कलेक्टर दर से मकान की कीमत 1 लाख रुपए होने पर 200 रुपए और कमर्शियल प्रॉपर्टी पर 300 रुपए साल का टैक्स लगाया गया है।
सरकारी भी निशाने पर- निगम-मंडल भी संपत्ति कर के दायरे में
राज्य सरकार ने अपने आदेश में बिजली कंपनी और निगम-मंडलों को भी संपत्ति कर के दायरे में शामिल करने को कहा है। इसमें खास तौर से बिजली कंपनी, पर्यटन निगम, वनोपज सहकारी संघ, औद्योगिक विकास निगम, खनिज विकास निगम, कृषि विपणन बोर्ड का जिक्र किया गया है। आदेश में कहा गया है कि पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम-1993 में पंचायतों को टैक्स लगाने और वसूली करने के अधिकार दिए गए हैं।
आगे तैयारी- बिल्डिंग परमिशन फीस पर भी हो सकती है सख्ती
ग्रामीण क्षेत्र में मकान आदि बनाने पर बिल्डिंग परमिशन लेने और उसकी फीस जमा करने पर भी सख्ती हो सकती है। पंचायतों को शुल्क वसूल कर बिल्डिंग परमिशन देने के अधिकार तो पहले से दिए गए हैं, लेकिन इस पर कभी सख्ती नहीं हुई। राज्य सरकार ने इसे भी अनिवार्य करने को कहा है। ऐसा होने पर 1000 वर्ग फीट से बड़ा मकान बनाने पर परमिशन लेना जरूरी हो जाएगा।
ये टैक्स भी लगा सकती हैं पंचायत
पंचायतों को जल कर, स्वच्छता कर के साथ हाट बाजार में बाजार फीस लगाने के अधिकार भी दिए हैं। दुकानों पर 3 से 5 रुपए के बीच प्रति वर्ग मीटर प्रति दिन की दर से टैक्स लिया जा सकता है। हाथ ठेला पर 20 रुपए से 30 रुपए प्रति दिन, लोडिंग वाहन पर 30 रुपए से 50 रुपए और प्रचार वाहनों पर 100 रुपए से 150 रुपए के बीच टैक्स लिया जा सकता है। पशुओं की बिक्री पर भी 30 रुपए से लेकर 100 रुपए तक की फीस लेने का अधिकार पंचायतों को दिया गया है।
बड़े बकायादारों की कुर्की भी करेंगे
पंचायत क्षेत्रों में सुविधाएं देने के लिए राजस्व जुटाना है। इसलिए राज्य शासन के निर्देश पर पंचायतों में संपत्ति कर वसूली के नोटिस जारी किए गए हैं। सर्वे के आधार पर ही संपत्ति कर का वर्ष और वैल्यू तय की गई है। बड़े बकायादार यदि टैक्स जमा नहीं करेंगे तो हम कुर्की की कार्रवाई भी करेंगे।
- ऋतुराज सिंह, सीईओ, भोपाल जिला पंचायत
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