बुधवार, 14 जून को आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी (योगिनी एकादशी) है। इस तिथि पर घर-परिवार की सुख-समृद्धि की कामना से भगवान विष्णु के लिए व्रत-उपवास किया जाता है। मान्यता है कि जो लोग सालभर की सभी एकादशियों पर व्रत करते हैं, उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु और उनके अवतारों की पूजा करनी चाहिए। इस दिन बाल गोपाल का अभिषेक करें और माखन-मिश्री का भोग लगाएं। इस बार बुधवार और एकादशी का योग होने से विष्णु जी के साथ ही गणेश जी की भी विशेष पूजा जरूर करें। गणेश जी को दूर्वा चढ़ाएं। धूप-दीप जलाएं और श्री गणेशाय नम: मंत्र का जप करें।
इस साल आएंगी 26 एकादशियां
हिन्दी पंचांग के अनुसार एक माह में दो पक्ष होते हैं और हर पक्ष में एकादशी आती है। इस तरह 12 माह में कुल 24 एकादशियां आती हैं। जिस वर्ष में अधिकमास होता है, तब 26 एकादशियां आती हैं। इस साल सावन महीने में अधिकमास रहेगा, इस कारण वर्ष में 26 एकादशियां रहेंगी।
स्कंद पुराण में बताई गई है एकादशी व्रत की महिमा
स्कंद पुराण के वैष्वण खंड में एकादशी महात्म्य अध्याय है, इसमें सभी एकादशियों की महिमा बताई गई है। एकादशी पर व्रत करने से भक्त को भगवान विष्णु की विशेष कृपा मिलती है और जाने-अनजाने में किए गए पापों से मुक्ति मिलती है।
ये हैं विष्णु-लक्ष्मी की पूजा की सरल स्टेप्स
एकादशी पर स्नान के बाद भगवान विष्णु का लक्ष्मी जी के साथ पूजा करें। अभिषेक करना चाहिए।
दक्षिणावर्ती शंख में केसर मिश्रित दूध भरें और अभिषेक करें। पूजा में फल-फूल, गंगाजल, धूप-दीप और प्रसाद आदि अर्पित करें। आरती करें।
पूजा में ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप करें। पूजा में व्रत करने का संकल्प लें।
व्रत करने वाले लोग अन्न का त्याग करें, दिन में एक समय फलाहार कर सकते हैं, दूध पी सकते हैं। रात में भगवान विष्णु के सामने दीपक जलाएं। अगले दिन यानी द्वादशी तिथि पर किसी ब्राह्मण को दान-दक्षिणा दें। इसके बाद खुद भोजन ग्रहण करें।
0 टिप्पणियाँ