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वन विभाग ने चेताया:अब मलेंडी से 16 किमी दूर नंदलाई घाटी में घूमता दिखा बाघ; 30 दिन में कर चुका 4 शिकार

अब मलेंडी से 16 किमी दूर नंदलाई घाटी में घूमता दिखा बाघ - Dainik Bhaskar

अब मलेंडी से 16 किमी दूर नंदलाई घाटी में घूमता दिखा बाघ

8 मई को पहली बार इंदौर से 24 किलोमीटर दूर महू के आर्मी वॉर कॉलेज परिसर में दिखा बाघ 1 महीने बाद भी बसाहट के बीच ही चहलकदमी कर रहा है। मंगलवार को बाघ मलेंडी से 16 किमी दूर मानपुर रेंज के ग्राम नंदलाई घाटी में दिखा। वनक्षेत्र से लगी पगडंडी से लोग गुजरे तो झाड़ियों में हलचल दिखी। इस पर राहगीर और ग्रामीणों ने उसके वीडियो तक बना लिए।

एक वीडियो बनाते ग्रामीण उसे देखकर शेरू, शेरू चिल्लाया तो वह फिर झाड़ियों की ओर चला गया। वन विभाग ने उसके मूवमेंट वाले स्थान का मुआयना किया तो एक मवेशी मृत अवस्था में मिला। बाघ ने उसका शिकार किया था। मवेशी का सिर्फ कंकाल ही बचा था। इससे अंदाजा लगाया गया कि कई दिन से बाघ उसी इलाके में रहकर उसे खाता रहा। बाघ दिखते ही सबसे पहले जानापाव, यशवंत नगर, नंदलाई घाटी में मुनादी करवाई गई। वीरान रहने वाले नंदलाई घाटी में अकेले नहीं जाने की सलाह दी गई है।

  • 08 मई पहली बार आर्मी वॉर कॉलेज परिसर में कैमरे में दिखा बाघ
  • 10 मई दूसरी बार आर्मी वॉर कॉलेज के केएलपी एरिया में देखा गया
  • 18 मई - मलेंडी में पहली बार बाघ का मूवमेंट पता चला, जब मवेशी का शिकार किया
  • 21 मई - मलेंडी में ही वन विभाग के कैमरे में ट्रैप हुआ बाघ
  • 25 मई - मलेंडी में दूसरी बार कैमरे में ट्रैप, दूसरा शिकार भी इसी रात किया
  • 26 मई - तीसरा शिकार आशापुरा में बछड़े का किया
  • 06 जून - मानपुर रेंज के ग्राम नंदलाई घाटी में ग्रामीणों को दिखा

शिकार के एवज में ग्रामीणों को 40 हजार रुपए मुआवजा दे चुका वन विभाग
बाघ ने अब तक चार मवेशियों के शिकार किए हैं। वन विभाग ने ग्रामीणों को इसके मुआवजे के रूप में 40 हजार रुपए दिए हैं। हालांकि मवेशी की असल कीमत 40 से 45 हजार रुपए तक है, लेकिन शासन से अधिकतम मुआवजा 15 से 20 हजार रुपए तक ही मिलता है।

एक बार समझाइश देकर छोड़ा, अब बगैर अनुमति जंगल में गए तो सीधे जेल

डीएफओ नरेंद्र पंडवा के मुताबिक बाघ मूवमेंट पर कुछ लोग जंगल में बगैर अनुमति प्रवेश कर गए थे। फिलहाल उन्हें समझाइश देकर जाने दिया। बाघ को देखने, जंगल में घूमते पाए जाना गैर जमानती अपराध है। महू और मानपुर रेंज कार्यालय को सूचित कर दिया है कि गश्ती के दौरान कोई घूमते हुए दिखे तो उसके खिलाफ केस दर्ज किया जाए। चूंकि बाघ विलुप्तप्राय श्रेणी वाले जानवरों में शामिल है। वहीं जंगल में बगैर अनुमति जाना अपराध है। दोनों ही मामलों में पकड़े जाने पर जमानत का प्रावधान नहीं है।

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