आदमखोर हो चुके बाघ को पकड़ने के लिए वन विभाग की सुस्ती ही खत्म नहीं हो रही। जिस जंगल में बाघ का मूवमेंट है, उसके आसपास पांच गांव हैं, जिनकी आबादी दो हजार के करीब है। डीएफओ ने बाघ द्वारा बुजुर्ग के शिकार की सूचना प्रधान मुख्य वन संरक्षक को दे दी थी। दो दिन बीतने के बाद भी मलेंडी और आसपास के जंगलों में बाघ को पकड़ने के लिए रेस्क्यू की योजना तक नहीं बन सकी।
स्टेट रेस्क्यू टीम को तत्काल प्रभाव से बाघ को बेहोश कर पकड़ने की योजना बनाना चाहिए थी। इधर, मलेंडी के सुंदरलाल का शिकार हो जाने के बाद गांव में सन्नाटा है। सुबह 5 बजे से ग्रामीण खेतों में निकल जाते थे। कुछ मवेशियों को लेकर खुले मैदान, जंगलों की ओर जाते थे। बाघ के आदमखोर होने के बाद एक भी व्यक्ति जंगल की ओर नहीं गया।
टीम ने ज्यादा प्रयास नहीं किए
इंदौर की रेस्क्यू टीम ने भी बाघ को पकड़ने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई। शुरुआत में जब महू में उसका मूवमेंट था, तभी टीम एक्टिव थी। पांच-सात दिन तलाश करने के बाद रेस्क्यू टीम के प्रभारी और सदस्यों ने तलाश करीब-करीब बंद ही कर दी थी। केवल ट्रैप कैमरे लगाकर उसके फोटो देखे जा रहे थे। मलेंडी में भी एक छोटा सा पिंजरा लगा रखा था, जिसके आसपास भी कभी बाघ नहीं फटका।
अब पिंजरे में ही रखना पड़ेगा
रिटायर डीएफओ मो. सईद खान के मुताबिक बाघ के आदमखोर होने के बाद उसे खुला नहीं छोड़ा जाता है। एक बार आदमखोर हुआ तो फिर वह बार-बार मनुष्य के ही शिकार का प्रयास करता है। उसे रेस्क्यू कर पकड़ना जरूरी है। जितने भी बाघ आदमखोर हुए हैं उन्हें पिंजरे में ही रखा गया है।
40 फीट ऊंचे पेड़ पर बैठा था तेंदुआ, रेस्क्यू टीम पहुंची तो भाग निकला
आर्मी वाॅर काॅलेज कैंपस में सोमवार सुबह सीसीटीवी कैमरे में तेंदुआ नजर आने के बाद हड़कंप मच गया। 13 घंटे तक रेस्क्यू टीम उसे पकड़ने की कोशिश करती रही। एक बार तो 40 फीट ऊंचे पेड़ पर बैठे तेंदुए पर टीम ने दो बार निशाना साधा पर वह बड़गोंदा रोड तरफ वाली बाउंड्रीवॉल से सटे नाले की ओर से बाहर भाग गया। सुबह 6 बजे कैंपस में तेंदुआ दिखाई देने के बाद आसपास के इलाकों में भी सैनिकों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया गया। मजदूरों को भी वापस लौटा दिया।
मुख्य गेट से भी 5 से 10 लाेगाें के समूह में ही सैनिकाें काे अंदर भेजा गया। शाम 5 बजे वन विभाग की टीम ने सेना के साथ संयुक्त रूप रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। रेंजर वैभव उपाध्याय ने बताया आर्मी वाॅर काॅलेज कैंपस में तेंदुए का मूवमेंट था। रेस्क्यू के दाैरान वह भाग निकला।
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