सांवेर रोड औद्योगिक क्षेत्र सहित आसपास के कुमेड़ी, भौंरासला, बरदरी से धनखेड़ी तक भूजल दूषित हो रहा है। इन क्षेत्रों में चल रहे उद्योग सहित अन्य कारणों से जमीन के भीतर का पानी पीने योग्य नहीं बचा है। मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इस इलाके के 20 किलोमीटर से अधिक सर्कल के भूजल की जांच शुरू की है। प्रारंभिक जांच में पता चला है बोरिंग, हैंडपंप से निकलने वाला पानी पीने योग्य नहीं है।
पानी में टीडीएस (टोटल डिजॉल्व सॉलिड्स) 1500 से 2000 तक है। 300 से 600 टीडीएस का पानी ही पीने योग्य होता है। विभाग अगले एक साल तक इस क्षेत्र में पानी की क्वालिटी खराब होने को लेकर रिसर्च करेगा। क्षेत्र में 50 स्थान चिह्नित किए हैं, जहां से हर महीने पानी लेकर उनकी जांच की जाएगी। अगले अप्रैल में जांच कर रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी।
50 स्थानों के पानी की 35 अलग-अलग मानकों पर जांच करेंगे
विभाग के वैज्ञानिक अतुल कोटिया ने बताया, रिसर्च के लिए 7 लोगों की टीम लगाई है। टीडीएस सहित 35 अलग-अलग मानकों पर जांच की जाएगी। गर्मी, बारिश और सर्दी में पानी की क्वालिटी देखने के साथ ही औद्योगिक क्षेत्र में लगाए जा रहे वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के असर को भी देखा जाएगा। पिछले साल सांवेर रोड औद्योगिक क्षेत्र में ही करीब 700 हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए गए थे। भौंरासला और नरवर नाले, जो आगे चलकर कान्ह नदी में मिलते हैं, उनके आसपास के भूजल की जांच भी इस रिसर्च में की जा रही है। इन क्षेत्रों के बोरिंग, हैंड पंप के अलावा कुएं के पानी की भी जांच की जा रही है।
पानी दूषित होने के 4 बड़े कारण
1. उद्योगों का खतरनाक केमिकल युक्त पानी जमीन में छोड़ा जा रहा हो।
2. क्षेत्र की ड्रेनेज लाइन जर्जर होने के कारण जो दूषित पानी ईटीपी तक जाना चाहिए वह जमीन में रिस रहा हो।
3. नगर निगम और प्रशासन की सख्ती के बावजूद कुछ उद्योग चोरी छिपे रसायन वाला घातक दूषित पानी नालों में बहा रहे हों।
4. वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम तो लगाए लेकिन उसमें बारिश के पानी के अलावा फैक्टरियों का पानी भी छोड़ा जा रहा हो।
भूजल को लेकर रिसर्च शुरू की गई है
"सांवेर रोड औद्योगिक क्षेत्र, बरदरी, कुमेड़ी से लेकर धनखेड़ी तक 20 किमी रेडियस में भूजल को लेकर रिसर्च शुरू की गई है। अगले साल मार्च तक हर महीने 50 स्थानों के पानी की जांच की जाएगी। 35 मानकों पर जांच कर पानी के दूषित होने की वजह जानी जाएगी।"
- एसएन द्विवेदी, क्षेत्रीय अधिकारी, मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
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