गुरुवार को जाेन 2,12, 14 और 15 के वार्डों के विकास कार्यों की समीक्षा बैठक हुई। इसमें पार्षदों ने गुस्सा जाहिर किया, बोले कि वर्क ऑर्डर हो रहा है, टेंडर फाइनल हो चुका है, लेकिन काम शुरू नहीं हुआ। ठेकेदार काम नहीं कर रहा। एक पार्षद ने कहा कि जोन 13 व 14 में तो एक ही ठेकेदार के पास 40 से ज्यादा काम हैं। वार्ड 79 में बताया गया कि जितने विकास कार्य होने हैं, उसकी फाइल किसी अधिकारी के पास नहीं है। पूछने पर बताया जा रहा है कि ठेकेदार लेकर चला गया।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने जब जोनवार समीक्षा बैठक बुलवाई तो इसमें वार्ड 6, 67, 68, 69, 70, 59, 61, 62, 65, 66, 79, 84, 85, 2, 71, 72, 73 एवं 82 के पार्षद व निगम अधिकारी शामिल हुए। महापौर ने पूछा कि पूर्व में जितने काम स्वीकृत हुए थे, उनके वर्क ऑर्डर जारी होने के बाद कितने काम शुरू हो गए? सभी पार्षदों की एक ही शिकायत थी कि ठेकेदार काम नहीं कर रहे हैं। इस बार भी महापौर ने एजेंसी को सात दिन का नोटिस देने के निर्देश दिए। अमानत राशि जब्त कर टेंडर निरस्ती की कार्रवाई करने के लिए भी कहा गया।
कौन सा काम कब पूरा होगा, चार्ट बनाकर बताएं
महापौर ने इस बार यह निर्देश भी दिए कि ऐसी एजेंसी को अगले टेंडर में भाग नहीं लेने दिया जाए। महापौर बोले कि कार्य स्वीकृति से लेकर कार्य की पूर्णता तक की प्रक्रिया को लेकर एक फ्लो चार्ट बनाएं कि कौन सा काम कब तक पूरा होगा। समय सीमा तय होना चाहिए। फाइल की मौजूदा स्थिति पता होना चाहिए। मुख्यमंत्री कायाकल्प अभियान के तहत तय विकास कार्यों की टेंडर की शर्तों की तरह ही निगम के भी विकास कार्यों में टेंडर शर्तें लागू की जाएं।
निगम के कार्यों की भी जांच हो - कार्यों की गुणवत्ता की जांच के लिए मोबाइल वैन चलाई जा रही है, उसी तरह निगम के विकास कार्यों की गुणवत्ता की भी जांच करवाई जाए। एमआईसी सदस्य राकेश जैन, प्रिया डांगी, पार्षद भरतसिंह रघुवंशी, संध्या यादव, कमलेश कालरा, कंचन गिदवानी, भावना चौधरी, रूपा पांडे, अयाज बेग, मीता रामबाबू राठौर, लक्ष्मी संजय वर्मा, नितिन कुमार शानू शर्मा, हरप्रीत कौर लूथरा, योगेश गेंदर सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
0 टिप्पणियाँ