डीएवीवी से संबद्धता प्राप्त 300 से अधिक कॉलेजों के 9 हजार 500 से अधिक विद्यार्थियों की यूजी फाइनल ईयर की मार्कशीट रोक दी गई है। मेधावी छात्र योजना की इस वर्ष की राशि शासन द्वारा छात्रों के अकाउंट में ना भेजे जाने के कारण वे कॉलेज में फीस ही जमा नहीं कर सके। जिसकी वजह से कॉलेजों ने मार्कशीट रोकी है। असर यह हो रहा है कि ये विद्यार्थी पीजी में एडमिशन नहीं ले पा रहे हैं। एडमिशन का पहला चरण पूरा हो चुका है, लेकिन एडमिशन लिस्ट में नाम होने के बाद भी इन्हें दाखिला नहीं मिला है।
कई छात्रों को नौकरी या विदेश में पढ़ाई के लिए डिग्री की भी जरूरत है, लेकिन बिना मार्कशीट के वे डिग्री के लिए भी आवेदन नहीं कर पा रहे हैं। पीजी में एडमिशन के लिए जिन छात्रों ने यूनिवर्सिटी बदली है, उनका माइग्रेशन सर्टिफिकेट अटक गया है। संबल योजना के विद्यार्थियों को भी स्कॉलरशिप नहीं मिली है। इस योजना लाभार्थी विद्यार्थी भी परेशान हैं। दोनों योजना के मिलाकर साढ़े 9 हजार विद्यार्थी हैं।
कॉलेजों ने टीसी सहित अन्य दस्तावेज रोके
कुछ छात्रों ने इस मामले में सीएम हेल्पलाइन पर भी शिकायत कर जल्द मेधावी छात्र योजना की राशि दिलवाने की मांग की है। फाइनल इयर की फीस जमा नहीं कर पाने के कारण कॉलेजों ने टीसी भी रोक दिए हैं। फाइनल इयर की ऑन लाइन मार्कशीट का प्रिंटआउट तो स्टूडेंट्स के पास है, लेकिन टीसी नहीं होने से एडमिशन नहीं हो रहे हैं। कॉलेजों का कहना है शासन ने स्टूडेंट्स के खातों में योजना की राशि भेजना शुरू की है, अब तक हमें नहीं मिली है।
ऑनलाइन आवेदन का पोर्टल ही नहीं खुला है, राशि आने में महीनेभर लगेगा
अब तक मेधावी छात्र योजना की राशि के लिए ऑनलाइन आवेदन का पोर्टल नहीं खुला है। जानकारों का कहना है आवेदन प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी राशि आने में कम से कम 3 से 6 सप्ताह का समय लगता है। ऐसे में कॉलेजों में पीजी के एडमिशन की प्रक्रिया खत्म हो जाएगी। छात्रों का कहना है कुछ कॉलेजों में एडमिशन पांचवे सेमेस्टर की मार्कशीट और कुछ स्थान पर छठे सेमेस्टर की ऑनलाइन मार्कशीट के आधार पर भी हो रहे हैं, लेकिन परेशानी यह है जब तक ओरिजनल मार्कशीट नहीं मिलेगी तब तक एडमिशन फाइनल नहीं माना जाएगा।
12वीं में 70% से अधिक अंक लाने वाले कहलाते हैं मेधावी
राज्य शासन हर साल एमपी बोर्ड 12वीं 70 प्रतिशत से अधिक अंक तथा सीबीएसई में 85 फीसदी से अधिक अंक लाने वाले विद्यार्थियों को मेधावी योजना के तहत मुफ्त शिक्षा देता है। सरकारी व अनुदान प्राप्त कॉलेज में इन विद्यार्थियों की फीस नहीं लगती। पहले राशि कॉलेजों के खातों में डाली जाती थी, लेकिन कुछ समय पहले नए सिस्टम के तहत राशि विद्यार्थियों के खातों में जमा होती है। शिक्षाविद प्रो. मंगल मिश्रा का कहना है अभी तक पोर्टल नहीं खुला है। स्टूडेंट्स परेशान और नाराज हैं, क्योंकि उनके पीजी के एडमिशन अटक रहे हैं।
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