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जरूरत से ज्यादा सोच-विचार करने से कैसे बचें

  • विचार-विमर्श करना लीडर के सबसे जरूरी गुणों में से एक माना जाता है, लेकिन कई बार किसी बात का अवलोकन करते हुए हम कब ओवरथिंकिंग करने लगते हैं, पता ही नहीं चलता। हो सकता है चीजों को लेकर हमारी समझ अच्छी हो, लेकिन ऐसे में तनाव और बेचैनी हो सकती है। ज्यादा सोच-विचार करने से खुद को बचाते हुए कम समय में बेहतर निर्णय कैसे ले सकते हैं, यहां जानिए...

1) परफेक्शन के बारे में न सोचें
परफेक्शन के नुकसान बहुत हैं। इसके पीछे जो सोच काम करती है, दरअसल वो यह होती है कि या तो बहुत अच्छा काम करना है या करना ही नहीं है, जो कि बेहद गलत है। इससे बचने के लिए खुद से सवाल करें कि वो कौन-से निर्णय हैं, जो आपकी प्राथमिकताओं पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। आपके पास जो जानकारी मौजूद है, उसके आधार पर आपका सबसे अच्छा कदम अभी क्या हो सकता है।

2) इंट्यूशन का फायदा उठाएं
आपका इंट्यूशन यानी अंतर्ज्ञान यदि तेज है तो आपका दिमाग किसी भी परिस्थिति को तुरंत ही समझने के काबिल भी है। दिमाग आपके तजुर्बों से सीख लेकर सर्वश्रेष्ठ निर्णय लेने में आपकी पूरी मदद कर सकता है। शोध बताते हैं कि अगर अंतर्ज्ञान और विश्लेषणात्मक सोच दोनों साथ-साथ चलती हैं तो आप बेहतर निर्णय लेने में चूक नहीं सकते। इस तरह आप बेहतर चुनाव भी कर सकते हैं।

3) निर्णय लेना भी थकाता है
आम तौर पर दिनभर में आप बहुत सारे छोटे-बड़े निर्णय लेते हैं। खाने में क्या खाना है... से लेकर ईमेल पर क्या जवाब देना है... तक। हर एक निर्णय आपको दिमागी और भावनात्मक रूप से थका देता है। इसका आपको पता भी नहीं चलता है। एेसे में अपनी दिमागी शक्ति का बचाव करना जरूरी है। अपने लिए एक रूटीन बनाएं और इसे फॉलो करें, इस तरह आप बहुत से छोटे-छोटे निर्णय लेने से बच जाएंगे।

4) खुद को एक डेडलाइन दें
ओवर थिंकिंग को यदि समय रहते रोका न जाए तो ये समय के साथ बढ़ती चली जाती है और आदत में तब्दील हो जाती है। यदि आप किसी विषय के बारे में एक हफ्ते से ज्यादा दिनों तक सोच-विचार करते हैं, जबकि उसके लिए केवल एक घंटा ही बहुत था तो दरअसल आप अपना एक हफ्ता पूरी तरह बर्बाद करते हैं। इससे बचने के लिए खुद को एक डेडलाइन दें। इस तरह आप अपनी साख भी बना पाएंगे।

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