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नए सत्र से पहले नया बखेड़ा:कई कॉलेज डीएवीवी को छोड़ ले आए आरजीपीवी से संबद्धता, होगी खारिज

कई कॉलेज डीएवीवी को छोड़ ले आए आरजीपीवी से संबद्धता, होगी खारिज - Dainik Bhaskar

कई कॉलेज डीएवीवी को छोड़ ले आए आरजीपीवी से संबद्धता, होगी खारिज

नया शिक्षा सत्र शुरू होने से पहले देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के दायरे में आने वाले 10 से ज्यादा (नए-पुराने दोनों) मैनेजमेंट कॉलेजों के आरजीपीवी (राजीव गांधी प्रोद्योगिकी विवि) से संबद्धता लेने के मामले में नया बखेड़ा हो गया है। डीएवीवी प्रशासन ने इस पर सख्त आपत्ति लेते हुए कहा है कि गाइडलाइन के अनुसार किसी भी कॉलेज को उसी यूनिवर्सिटी से संबद्धता लेना होती है, जिसके दायरे में वह कॉलेज संचालित कर रहा है।

ऐसे में जो नए चार कॉलेज सत्र 2023-24 में शुरू हो रहे हैं और वे आरजीपीवी से संबद्धता ले आए हैं तो उसे खारिज किया जाना चाहिए। साथ ही इन कॉलेजों को डीएवीवी से संबद्धता की प्रक्रिया शुरू करना चाहिए। यही नहीं, जो आधा दर्जन पुराने कॉलेजों के पास आरजीपीवी की संबद्धता है, उसे भी निरस्त किया जाना चाहिए। इस मामले में डीएवीवी ने आरपीजीवी को पत्र लिख आपत्ति जताई थी। उसके बाद मामला समन्वय समिति में गया था। माना जा रहा है इसी माह इस मामले में आदेश जारी किया जाएगा। शासन की तैयारी है कि वह कॉलेजों के लिए आदेश जारी कर स्थिति स्पष्ट करेगा कि जिस यूनिवर्सिटी के कार्यक्षेत्र और दायरे में कॉलेज संचालित हो रहे हैं, संबद्धता भी वहीं से लेना होगी।

62 कॉलेज हैं डीएवीवी के दायरे में 11 कॉलेजों के पास है आरजीपीवी की संबद्धता 26 हजारसे ज्यादा छात्र पढ़ रहे इन कॉलेजों में

क्याें आरजीपीवी से संबद्धता ला रहे कॉलेज
दरअसल यह बात सामने आई है कि डीएवीवी के एमबीए कोर्स (मैनेजमेंट कॉलेजों) का संबद्धता शुल्क डेढ़ लाख रुपए प्रति वर्ष है जो आरजीपीवी की तुलना में तीन गुना ज्यादा है, जबकि आरजीपीवी का 65 हजार रु. के आसपास है। डीएवीवी ने 2 साल पहले शुल्क बढ़ाया था, तब कॉलेजों ने कड़ी आपत्ति जताई थी। विवाद भी हुआ था।

डीएवीवी का कहना है कि कॉलेज यहीं से लें संबद्धता
"कॉलेज लगातार आरजीपीवी से संबद्धता ला रहे थे। यह नियम विरुद्ध था और इससे बना बनाया सिस्टम बिगड़ता है। आरजीपीवी को पत्र लिखा था। मामला समन्वय समिति में भी गया था। उम्मीद है कि इस पर जल्द ही स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। कॉलेजों को यहीं से संबद्धता लेने की प्रक्रिया शुरू करना चाहिए।"
-डॉ. राजीव दीक्षित, डीसीडीसी, डीएवीवी

शासन यूनिवर्सिटी प्रशासन की बात से सहमत
"यूनिवर्सिटी के दायरे में जो कॉलेज हैं, अगर वे दूसरी यूनिवर्सिटी से संबद्धता लेंगे तो सिस्टम बिगड़ेगा। इस पर आरजीपीवी को पत्र लिखा था। शासन से चर्चा के बाद मामला समन्वय समिति में भी गया था। आरजीपीवी भी सहमत है और शासन ने भी सहमति जताई है। जल्द ही स्थिति स्पष्ट होगी।"
- प्रो. रेणु जैन, कुलपति, डीएवीवी

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