मुरैना के ऐंती स्थित त्रेतायुगीन शनि मंदिर शनि लोक बनाने की शुरुआत भव्य तोरण (प्रवेश द्वार) के निर्माण से होगी। यह तोरण नागर शैली में बनेगा। खास बात यह है कि इस तोरण में राजस्थान का वही पत्थर लगाया जाएगा जो अयोध्या के राम मंदिर के निर्माण में उपयोग किया जा रहा है। शनिश्चरा मंदिर के तोरण का डिजाइन तैयार हो चुका है। इसके लिए 1 करोड़ 76 लाख रुपए भी जारी हो गए हैं।
प्रवेश द्वार का डिजाइन देश के प्रसिद्ध टेंपल डिजाइनर चंद्रकांत बी. सोमपुरा ने तैयार किया है। अयोध्या में बन रहे राम मंदिर का डिजाइन भी सोमपुरा ने ही तैयार किया है। अब इस तोरण को आर्किटेक्ट सोमपुरा के बेटे आशीष सोमपुरा अपनी निगरानी में तैयार करवाएंगे। आशीष का कहना है कि तोरण पूरी तरह से उत्तर भारतीय नागर शैली में बनाया जाएगा। नागर शैली में मंदिर के प्रवेश द्वार कई प्रकार के होते हैं- जैसे एकल द्वार, त्रिद्वार या पंच द्वार। मुरैना शनिश्चरा मंदिर का डिजाइन त्रिद्वार शैली में है। इसमें शनिदेव से जुड़े प्रतीक जैसे उनका वाहन, उनकी हनुमान जी से जुड़ी कथाओं वाली प्रतिमाएं आदि भी लगाई जाएंगी।
त्रेता युग का है ऐती स्थित शनि मंदिर, तोरण के निर्माण में सीमेंट व स्टील का नहीं होगा उपयोग
जानिए... ऐंती के शनि मंदिर की खासियत
- त्रेता युग का है ऐती स्थित शनि मंदिर {पौराणिक इतिहास के स्राेत इस मंदिर को त्रेता युग का बताते हैं। {इस मंदिर का जीर्णोद्धार सम्राट विक्रमादित्य द्वारा करवाने के प्रमाण हैं। {मंदिर के बाहर लगे शिलालेख में उल्लेख है कि मंदिर की व्यवस्था के लिए दौलतराव सिंधिया ने मंदिर को जागीर भेंट की थी। {मंदिर परिसर में रखी शिला का ही एक हिस्सा औरंगाबाद के एक भक्त अपने साथ ले गए थे, जो औरंगाबाद से शनि शिंगणापुर पहुंची। (जिला पुरातत्व अधिकारी अशोक शर्मा के मुताबिक)
- शनि अमावस्या पर औसत 5 लाख भक्त आते हैं शनिचरा
- सामान्य शनिवार में करीब 25 हजार श्रद्धालु आते हैं
- शनि अमावस्या पर 4 हजार लीटर सरसों का तेल शनि मंदिर पर चढ़ाया जाता है (एसडीएम एवं मदिर प्रबंधक बीएस कुशवाह के मुताबिक)
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