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लोक निर्माण विभाग:रिश्वतखोरी से त्रस्त चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ने अपने ही वरिष्ठ को घूस लेते पकड़वाया

राकेश सिंघल - Dainik Bhaskar

राकेश सिंघल

लोक निर्माण विभाग में सरकारी मकान के आवंटन के लिए चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रमेश साल्वे को उसके वरिष्ठ कर्मचारी ने इतना परेशान कर दिया कि उसे लोकायुक्त पुलिस की शरण लेना पड़ी। फरियादी रमेश का आवेदन जब सहायक ग्रेड-3 देवेंद्र पंवार के पास आया तो उसने रमेश से पहले दो हजार रुपए की घूस ली। इसके बाद आवेदन को आगे बढ़ाने के लिए चार हजार रुपए और मांगने लगा। रमेश ने लोकायुक्त पुलिस से संपर्क किया। सोमवार को रमेश ने देवेंद्र से कहा कि वह दो हजार रुपए और देने आ रहा है। दफ्तर में रमेश ने जैसे ही देवेंद्र को नोट थमाया, लोकायुक्त पुलिस ने उसे दबोच लिया। रमेश ने कहा कि थोड़ी सी पगार से घर का गुजर-बसर चल रहा है। चार हजार की रिश्वत कहां से लाकर देता।

चेक से रिश्वत लेने वाले इंजीनियर काे जेल भेजा

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कार्यपालन यंत्री राकेश सिंघल के खिलाफ केस चलाने के लिए लोकायुक्त पुलिस ने चालान पेश कर दिया है। काेर्ट ने उसे माैके से ही जेल भेज दिया। 8 नवंबर 2021 की शाम को लोकायुक्त ने सिंघल को पालिका प्लाजा की पार्किंग में 50 हजार नकद और 11 लाख 50 हजार का रुपए का चेक लेते रंगेहाथ पकड़ा था। प्रदेश में यह अपने तरह का पहला मामला था जब कोई अफसर रिश्वत की इतनी बड़ी राशि चेक से लेते पकड़ाया हो।

लोकायुक्त के विशेष लोक अभियोजक आशीष खरे ने जांच के बाद चालान पेश किया। डीएसपी आनंद यादव ने जांच की थी। उज्जैन संभाग में नलकूप खनन का कांट्रेक्टर आरडी कंस्ट्रक्शन को जारी किया गया था। 1 करोड़ 75 लाख रुपए का भुगतान किया जाना था। इसमें एक करोड़ 5 लाख रुपए का भुगतान किया जा चुका है। बाकी की रकम जारी करने के एवज में सिंघल 17 लाख रुपए की घूस मांग रहा था। पांच लाख रुपए वह ले भी चुका था।

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