- अब दो अतिरिक्त महाधिवक्ता के अलावा 37 सरकारी वकील भी तैनात
हाई कोर्ट में राज्य सरकार की पैरवी करने के लिए एक और उपमहाधिवक्ता को भेजा गया है। इंदौर में इसी पद पर रहे उपमहाधिवक्ता श्रेयराज सक्सेना की नियुक्ति प्रिंसिपल बेंच जबलपुर की गई थी। अब उन्हें फिर से इंदौर खंडपीठ भेजा गया है। इस तरह दो अतिरिक्त महाधिवक्ता के अलावा तीन उपमहाधिवक्ता भी हो गए हैं। 37 सरकारी वकील भी विधि विभाग ने तैनात कर रखे हैं। इसके हर दिन के हिसाब से पैनल लाॅयर की सेवाएं भी ली जा रही हैं।
सिर्फ इंदौर में 350 केस के लिए निगम 20 लाख रुपए हर महीने चुका रहा, फिर भी तारीख पर तारीख मिल रही
सरकारी पैरवी के लिए इतनी बड़ी टीम के बावजूद कई प्रमुख मामले हैं, जिनमें सरकार जवाब के लिए वक्त ही मांग रही है। उदाहरण के रूप में बेलेश्वर महादेव को लेकर दायर याचिकाओं में सरकार खाली हाथ है। हुकमचंद मिल मामले में भी निगम, शासन की ओर से वक्त मांगा जाता रहा है। उधर, अकेले नगर निगम के हाई कोर्ट में 350 से भी कम केस हैं। इनकी पैरवी पर नगर निगम द्वारा मासिक 20 लाख रुपए तक मानदेय दिया जा रहा है। अधिकांश मामले दो श्रेणी के हैं। पहला अवैध निर्माण, दूसरा रोड चौड़ीकरण में बाधक हिस्से। इन दोनों ही श्रेणी में सुप्रीम कोर्ट से लेकर हाई कोर्ट तक स्पष्ट आदेश दे चुके हैं। अवैध निर्माण के मामलों में कंपाउंडिंग का प्रावधान है। ज्यादातर मामलों में हाई कोर्ट यही आदेश करता है। वहीं रोड चौड़ीकरण के मामले में जमीन लिए जाने पर एफएआर दिए जाने का आदेश सुप्रीम कोर्ट कर चुका है।
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