नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल प्रचंड शुक्रवार की शाम महाकाल के दर्शन कर इंदौर पहुंचे। यहां उन्होंने ट्रेंचिंग ग्राउंड स्थित नेफ्ररा मैटेरियल रिकवरी सेंटर का निरीक्षण किया। इसके बाद होटल मैरियट में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की ओर से आयोजित डिनर में शामिल हुए। यहां प्रचंड ने नेपाली नागरिकों को संबोधित किया। इस दौरान करीब 50 से अधिक नेपाली नागरिक मौजूद थे। जो वर्षों से इंदौर में रह रहे हैं। सभी के हाथ में भारत और नेपाल के झंडे थे।
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' ने कहा कि भारत और नेपाल के बीच संबंधों में नए इतिहास की शुरुआत हुई है। भारत नेपाल के बीच संबंधों में नए आयाम जुड़े है। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का कल की मुलाकात के दौरान कहना कि हम अपने रिश्तों को हिमालय जितनी ऊंचाई देने के लिए काम करते रहेंगे और इसी भावना से, हम सभी मुद्दों का, चाहे बाउंड्री का हो या कोई और विषय, सभी का समाधान करेंगे यह हमारे लिये खुशी और गर्व का विषय है।
प्रधानमंत्री के रूप में भारत भ्रमण चौथी बार हो रहा है। इस बार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और नेपाल के बीच जो सहमति हुई है, यह दूर तक जाने वाली सहमति है। कनेक्टीविटी, वॉटर रिसोर्स, ऊर्जा के क्षेत्र में जो सहमति बनी है, उसके दूरगामी परिणाम मिलेंगे। मैं नेपाल जाकर नेपाली जनता को बताऊंगा कि भारत नेपाल के बीच संबंधों में नए इतिहास की शुरुआत हुई है।
भारत-नेपाल के संबंधों में नए आयाम जुड़े हैं। इसको मजबूत करना हम सबका कर्तव्य है। मध्यप्रदेश में जो गर्मजोशी से स्वागत हुआ है वह अविस्मरणीय है। भगवान महांकाल के दर्शन कर मेरा सपना साकार हुआ है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वागत भाषण देते हुये प्रदेश की 9 करोड़ जनता और राज्य शासन की ओर से प्रधानमंत्री प्रचंड का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति, सभ्यता और परम्पराएं लगभग एक जैसी है। ऐसा लग रहा है कि अपनों के बीच अपने ही आए हैं। कार्यक्रम का संचालक सांसद शंकर लालवानी ने किया
शुक्रवार सुबह नेपाल के प्रधानमंत्री इंदौर आए और यहां से दोपहर 12.45 बजे उज्जैन पहुंचे। महाकाल मंदिर के गर्भगृह में पूजन के दौरान प्रचंड ने 100 रुद्राक्षों की माला भेंट की। रुद्राक्ष की यह माला नेपाल में बनी है। 51 हजार रुपए कैश भी चढ़ाया। वे अपने तय समय से करीब एक घंटे की देरी से उज्जैन पहुंचे थे। इससे पहले उन्होंने महाकाल लोक देखा। ई-कार्ट से मंदिर पहुंचे। महानिर्वाणी अखाड़े में धोती-सोला पहनकर गर्भगृह में प्रवेश किया। गर्भगृह में प्रचंड के साथ मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने भी पूजा-अर्चना की।
प्रचंड सुबह 11 बजे विशेष विमान से इंदौर पहुंचे थे। एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व जनप्रतिनिधियों ने उनकी अगवानी की। प्रचंड ने CM शिवराज से कहा कि आपसे मिलकर लग ही नहीं रहा है हम पहली बार मिल रहे हैं। स्वागत से बहुत अभिभूत हूं। उन्होंने इंदौर के स्पेशल पोहे खाए। प्रचंड अपनी बेटी गंगा दहल के साथ आए हैं।
CM शिवराज ने कहा कि भारत और नेपाल अत्यंत प्राचीन राष्ट्र हैं। भारत और नेपाल भले ही दो शरीर हों, लेकिन सांस्कृतिक रूप से वे एक हैं। दोनों का सांस्कृतिक वैभव और संस्कार एक जैसे हैं। आपके आगमन से भारत और नेपाल के संबंध आने वाले दिनों में और भी प्रगाढ़ होंगे। इसके बाद इंदौर से नेपाल के PM और अन्य अतिथि उज्जैन रवाना हो गए। महाकाल दर्शन के साथ ही महाकाल लोक का भ्रमण करेंगे।
प्रचंड के साथ नेपाल के विदेश मंत्री नारायण प्रकाश सोद, वित्त मंत्री डॉ. प्रकाश शरन महत, ऊर्जा जल संसाधन मंत्री शक्ति बहादुर बासनेत, भौतिक व परिवहन मंत्री प्रकाश ज्वाला, वाणिज्य एवं आपूर्ति मंत्री रमेश रिजल, प्रधानमंत्री के सलाहकार हरिबोल प्रसाद, मुख्य सचिव शंकरदास बैरागी और नेपाल के विदेश सचिव भरतराज पौड्याल भी आए हैं।
गणगौर और भगोरिया नृत्य से हुआ स्वागत
प्रचंड जैसे ही अन्य अतिथियों के साथ बाहर आए तो वहां निमाड़ के गणगौर और भगोरिया नृत्य की आकर्षक व उल्लासपूर्ण प्रस्तुति के साथ अतिथियों का स्वागत किया गया। यह देख वे काफी अभिभूत हुए। इसी कड़ी में इंदौर के युवाओं के स्वर ध्वज पथक के 50 सदस्यीय दल ने ढोल-तासों और केसरिया ध्वज के साथ उद्घोष करते हुए उनका स्वागत किया।
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