मंगलवार शिव पूजा का महीना सावन शुरू हो रहा है। इस साल सावन में अधिक मास होने से ये महीना 58 दिन का होगा। 4 जुलाई से शुरू होकर 31 अगस्त तक ये महीना रहेगा। इसे श्रावण मास भी कहते हैं। श्रावण में शिव जी की विधिवत पूजा रोज करनी चाहिए। अगर विधिवत पूजा नहीं कर सके तो कम से कम एक लोटा जल शिवलिंग पर जरूर चढ़ाना चाहिए। जल के साथ ही बिल्व पत्र भी चढ़ाएं।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, सावन माह में धर्म-कर्म करने से अक्षय पुण्य मिलता है। इस महीने में पूजा-पाठ के साथ ही मंत्र जप, ध्यान और दान-पुण्य जरूर करें। समय की समस्या न हो तो रोज कुछ देर शिवपुराण का पाठ करें। शिवपुराण न हो तो रामायण, श्रीमद् भागवद् गीता या किसी अन्य ग्रंथ का पाठ कर सकेत हैं। इस महीने में शिव जी 12 ज्योतिर्लिंगों की यात्रा की जा सकती है। ज्योतिर्लिंग नहीं जा पा रहे हैं तो किसी अन्य शिव मंदिर में दर्शन पूजन कर सकते हैं।
ऐसे कर सकते है शिव जी की सरल पूजा
सावन महीने में रोज सुबह जल्दी उठना चाहिए। स्नान के बाद सूर्य को जल चढ़ाएं। घर के मंदिर में सबसे पहले गणेश पूजा करें। गणेश जी के बाद शिवलिंग और पार्वती जी की प्रतिमा स्थापित करें। जल, दूध और फिर से भगवान का अभिषेक करें। आप चाहें तो पंचामृत से भी अभिषेक कर सकते हैं। इसके लिए दूध, दही, घी, शहद और मिश्री मिलाकर पंचामृत बनाएं। पंचामृत के बाद जल से भी अभिषेक करें। शिवलिंग का श्रृंगार चंदन, बिल्व पत्र, आंकड़े के फूल आदि शुभ चीजों से करें। देवी पार्वती को लाल चुनरी, चूड़ियां, कुमकुम, सिंदूर आदि चीजें चढ़ाएं। धूप-दीप जलाएं। मिठाई का भोग लगाएं। आरती करें। ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जप करें। इस तरह शिव जी की सरल पूजा की जा सकती है।
किसी शांत और पवित्र स्थान पर मंत्र जप करना चाहिए। जप के लिए रुद्राक्ष की माला का उपयोग करें और कम से कम 108 बार ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जप करें। आसान बिछाकर सुखासन में बैठ जाएं और आंखें बंद करके ध्यान करते हुए मंत्र जप करें। ऐसे जप करने से मन शांत होता है, एकाग्रता बढ़ती है और नकारात्मकता खत्म होती है।
सावन में कर सकते हैं इन चीजों का दान
सावन के दिनों में जरूरतमंद लोगों को अनाज, धन, जूते-चप्पल और कपड़ों का दान करना चाहिए। अभी बारिश का समय है तो इन दिनों में छाते का दान भी कर सकते हैं। किसी मंदिर में शिव जी से जुड़ी चीजें जैसे चंदन, अबीर, गुलाल, हार-फूल, बिल्व पत्र, दूध, दही, घी, जनेऊ आदि का दान कर सकते हैं।
19 साल बाद सावन में आया है अधिक मास
2023 से 19 साल पहले 2004 में सावन में अधिक मास था। इस कारण सावन 58 दिन का रहेगा। अधिक मास के सभी 30 दिनों में व्रत-उपवास के साथ विशेष धर्म-कर्म करने की परंपरा है। इसे पुरुषोत्तम मास भी कहते हैं। इसलिए इन दिनों में शिव जी के साथ ही विष्णु जी की भी विशेष पूजा जरूर करें।
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